Jammu Kashmir वालों के लिए अच्छी खबर, बजट में इन जिलों को मिल सकती हैं बड़ी सौगातें

Edited By Sunita sarangal, Updated: 18 Feb, 2025 10:32 AM

hilly and small districts get gifts in jammu kashmir budget

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में वर्ष 2024 नवम्बर में बनी लोकतांत्रिक सरकार अपना पहला बजट 7 मार्च को प्रस्तुत करेगी।

जम्मू: जम्मू कश्मीर की लोकतांत्रिक सरकार की ओर से 7 मार्च को प्रस्तुत किए जाने वाले बजट को लेकर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला जनप्रतिनिधियों समेत हितधारकों के साथ बजट पूर्व चर्चा कर रहे हैं। इन बैठकों में विधायकों एवं जिला विकास परिषद के चेयरमैनों ने विकास को लेकर प्रस्ताव प्रस्तुत किए। सूत्रों के अनुसार नए प्रस्ताव के तहत पहाड़ी एवं छोटे जिलों को मोटा अनुदान मिलने की उम्मीद है जिससे वहां विकास की ब्यार को गति मिलेगी।

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में वर्ष 2024 नवम्बर में बनी लोकतांत्रिक सरकार अपना पहला बजट 7 मार्च को प्रस्तुत करेगी। सूत्रों के अनुसार जम्मू संभाग के पहाड़ी जिलों के विधायकों को 45 से 50 करोड़ रुपए तक विकास के लिए मिल सकते हैं जबकि अन्य को 30 से 32 करोड़ रुपए प्रदान किए जा सकते हैं। बजट पारित होने के बाद विधायकों को अपने-अपने क्षेत्र में विकास निधि भी आबंटित की जा सकती है जिसमें वह लोगों की मांग के अनुरूप विकास करवा सकेंगे।

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बताया जा रहा है कि डोडा, किश्तवाड़, रामबन और रियासी जिलों के विधायकों को 45 से 50 करोड़ रुपए प्रदान किए जा सकते हैं। इसके लिए विधायकों को सिर्फ विकास कार्य की पहचान करनी होगी और यह कार्य संबंधित विभाग की ओर से करवाया जाएगा। जो विधानसभा विकास निधि विधायकों को अगले वित्त वर्ष के लिए प्रदान की जाएगी उसे वह अपने ढंग से तय दिशा निर्देशों के तहत खर्च कर सकेंगे। जम्मू जिले में 11 विधायक, कठुआ में 6, राजौरी के 5, उधमपुर, रियासी, डोडा, किश्तवाड़, सांबा और पुंछ में तीन-तीन विधायक हैं जबकि रामबन में दो विधानसभा क्षेत्र हैं। इसीलिए इन पहाड़ी जिलों से संबंध रखने वाले विधायकों को अन्य से अधिक राशि विकास के लिए प्रदान की जाएगी।

इसी तरह जिला विकास परिषद के चेयरमैनों ने भी अपने लिए यू.टी. के कैपेक्स बजट में कुछ अनुदान रखने की गुहार लगाई है। मौजूदा समय में पंचायत, नगर निगम, जिला विकास कौंसल, पंचायती राज व्यवस्था अस्तित्व में नहीं है। इसलिए जब तक इनकी चुनाव प्रक्रिया पूरी नहीं होती, इनके हिस्से का अनुदान प्रशासन के माध्यम से उनके सुझावों पर खर्च किया जाएगा। उम्मीद है कि अप्रैल-मई में पंचायत चुनाव हो सकते हैं क्योंकि मतदाता संशोधन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और नए युवा मतदाताओं को भी जोड़ा गया है।

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