Edited By Sunita sarangal, Updated: 09 Jul, 2024 01:05 PM
यात्रा शुरू होने के 9 दिनों तक लगभग 1.82 लाख से अधिक यात्रियों ने अमरनाथ की पवित्र गुफा के आंतरिक दर्शन कर लिए हैं।
जम्मू: इस वर्ष 29 जून से शुरू अमरनाथ यात्रा के 11वें दिन सोमवार को जम्मू के आधार शिविर यात्री निवास से 5803 यात्रियों का एक और जत्था कश्मीर के लिए रवाना हुआ।
जम्मू से यात्रियों के जत्थे को 2 काफिलों में जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से सी.आर.पी.एफ. की कड़ी सुरक्षा के बीच दक्षिण कश्मीर के बालटाल और पहलगाम आधार शिविरों के लिए रवाना किया गया। बालटाल के लिए भेजे 1862 तीर्थयात्रियों में 1396 पुरुष, 416 महिलाएं, 4 बच्चे, 42 साधु और 4 साध्वियां शामिल थीं जिन्हें 88 छोटे-बड़े वाहनों में भेजा गया। पहलगाम के लिए भेजे गए 3941 यात्रियों में 3125 पुरुष, 723 महिलाएं, 5 बच्चे, 82 साधु और 6 साध्वियां शामिल थीं जिन्हें 139 वाहनों में रवाना किया गया। मौसम विभाग ने दोनों यात्रा मार्गों पर आंशिक रूप से बादल छाए रहने और दिन में बीच-बीच में हल्की बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना जताई है।
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9 दिनों में तीर्थयात्रियों की संख्या 1.82 लाख पहुंची
यात्रा शुरू होने के 9 दिनों तक लगभग 1.82 लाख से अधिक यात्रियों ने अमरनाथ की पवित्र गुफा के आंतरिक दर्शन कर लिए हैं। जम्मू से 28 जून से अब तक कुल 62,265 यात्री जम्मू आधार शिविर से घाटी के लिए रवाना हो चुके हैं। गौरतलब है कि बालटाल मार्ग से यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या पहलगाम रूट से कहीं अधिक है। बालटाल से पवित्र गुफा तक यात्रा छोटी होने के कारण अधिकांश यात्री इसी मार्ग को अपनाते हैं।
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भंडारा स्थल पर हर रोज भजन, कीर्तन और आरती में भाग लेते हैं तीर्थयात्री
जम्मू के बेस कैम्प यात्री निवास में श्री शिव शक्ति वैष्णो सेवा मंडल द्वारा यात्रियों के लिए लगाए गए भंडारे में लंगर के साथ-साथ श्रद्धालु भगवान शिव की स्तुति कर रहे हैं। भंडारा संगठन के प्रधान यशपाल शर्मा के अनुसार भगवान शिव की आज्ञा से वे दिन-रात सेवादारों के साथ नि:शुल्क भंडारा सेवा कर रहे हैं। पिछले 15 साल से अधिक समय से वे लोग यात्री निवास में लंगर लगाते आ रहे हैं।
वह अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं की सफल यात्रा के लिए प्रार्थना करते हैं और हर शाम आरती में श्रद्धालुओं को भी शामिल करते हैं। उन्होंने बताया कि हॉल में भंडारा स्थल पर भगवान शिव का पंडाल बनाते हैं जहां पर सुबह-शाम आरती की जाती है।