Edited By Neetu Bala, Updated: 18 Apr, 2025 05:14 PM

वर्तमान परिस्थितियों के जारी रहने की सूरत में आने वाले समय के दौरान कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
जम्मू/श्रीनगर : इस वर्ष सर्दी के मौसम के दौरान कश्मीर घाटी के ऊपरी क्षेत्रों में हुई कम बर्फबारी के चलते आगामी गर्मियों के मौसम में जल संकट की आशंकाएं बढ़ गई हैं जिसे लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले कुछ महीनों के दौरान कश्मीर घाटी में सिंचाई और पीने योग्य पानी की जरूरतों के लिए दिक्कतें पैदा हो सकती हैं। शोध कर रहे कश्मीर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डा. इरफान राशिद का कहना है कि वर्तमान परिस्थितियों के जारी रहने की सूरत में आने वाले समय के दौरान कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान वर्ष के दौरान ऊपरी पहाड़ी क्षेत्रों में हुए हिमपात की मात्रा चिंताजनक रूप से कम है जहां आमतौर पर भारी बर्फबारी होती है। उन्होंने बताया कि उपग्रह के माध्यम से हासिल आंकड़ों से यह बात स्पष्ट हो जाती है कि कश्मीर और पश्चिमी हिमालय के कई ऊंचाई वाले इलाकों में इस मौसम में बहुत कम बर्फबारी हुई है।
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उनका कहना था कि इस किस प्रकार की कमी से जहां एक तरफ तत्काल जल आपूर्ति प्रभावित होती है वहीं दूसरी तरफ ग्लेशियर पिघलने की दर भी बढ़ सकती है। उनका यह भी कहना था कि बर्फ का आवरण कम होने के कारण ग्रीष्मकालीन मौसम की शुरुआत में ही ग्लेशियर अपना सुरक्षा कवच खो देते हैं जिससे बर्फ उच्च तापमान के संपर्क में आती है तथा उसके पिघलने की दर प्राकृतिक रूप से बढ़ जाती है। इससे ग्लेशियरों के दीर्घकालिक द्रव्यमान संतुलन पर गंभीर असर पड़ सकता है जो क्षेत्र की भविष्य की जल सुरक्षा के लिए एक चिंताजनक संकेत है। डा. इरफान के अनुसार सर्दियों के मुख्य महीनों के दौरान दीर्घकाल तक चलने वाली बर्फबारी महत्वपूर्ण होती है तथा गुलमर्ग एवं जोजिला जैसे शीर्ष ऊंचाई वाले क्षेत्र में वाले क्षेत्रों में देर से होने वाली बर्फबारी उसकी भरपाई नहीं कर सकती। वहीं विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि इस साल बर्फ की कमी के परिणामस्वरूप गर्मियों के दौरान पानी का प्रवाह कम हो सकता है। हालांकि उनका यह भी मानना है कि पश्चिमी विक्षोभ द्वारा आगामी महीनों के दौरान वर्षा के हालात पैदा कर दिए जाने की सूरत में घाटी के प्राकृतिक जल भंडारों पर किसी भी प्रकार का नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।
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इसी बीच कश्मीर में सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण (आई. एंड एफ. सी.) विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस विषय पर बात करते हुए कम बर्फबारी की बात को एक तथ्य के तौर पर स्वीकार किया, परंतु इसके साथ ही उनका यह कहना था कि स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी में फिलहाल पानी की तत्काल कमी की आशंका कोई नहीं है। उन्होंने बताया कि झेलम सहित कश्मीर घाटी के अन्य की जल स्रोतों का जलस्तर सामान्य सीमा के भीतर हैं। हालांकि उन्होंने इस बात को भी स्वीकार किया कि मार्च, अप्रैल और मई के दौरान बारिश कम होने की सूरत में पीने के पानी और सिंचाई आपूर्ति में समस्या पैदा हो सकती है।
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