Edited By Neetu Bala, Updated: 07 Dec, 2024 02:29 PM
अब कश्मीर में बनने वाली पहले चरण में सैटेलाइट टाऊनशिप को लेकर पीपुल्स डैमोक्रेटिक पार्टी ने सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है।
श्रीनगर/जम्मू : जम्मू-कश्मीर में क्षेत्रीय दलों की ओर से किसी भी योजना को लेकर आए दिन कोई न कोई बखेड़ा खड़ा किया जाता है। कश्मीर घाटी में पहले कश्मीरी पंडितों के लिए बनाई जाने वाली सैटेलाइट कालोनियों का विरोध किया गया और कहा गया कि इन्हें अपने मूल स्थान पर बसाया जाए। फिर जम्मू-कश्मीर में अपनी सेवा प्रदान कर चुके पूर्व सैनिकों, शहीदों के लिए बनाई जाने वाली कालोनी को लेकर भी विवाद खड़ा हुआ। अब कश्मीर में बनने वाली पहले चरण में सैटेलाइट टाऊनशिप को लेकर पीपुल्स डैमोक्रेटिक पार्टी ने सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है।
अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद जब श्रीनगर के बाहरी इलाके में एक सैटेलाइट कालोनी बननी थी तो उसमें प्लाट लेने वाले बाहरी राज्यों के नागिरकों के नाम लीक कर दिए गए। हालांकि सिर्फ तीन-चार लोग ही ऐसे थे जिन्होंने प्लाट के लिए आवेदन किया था। अब पी.डी.पी. ने कश्मीर में रिंग रोड के किनारे बनने वाली सैटेलाइट टाऊनशिप को लेकर सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है कि यह कालोनी किसके लिए बनने वाली है और इन सैटेलाइट कालोनियों के दाएं-बाएं किसी भी प्रकार के निर्माण पर प्रतिबंध लगा दिया है। पी.डी.पी. प्रवक्ता महबूब बेग ने एक बयान में कहा कि इसे राज्यपाल शासन में मंजूर किया गया, लेकिन अब प्रदेश में चुनी हुई सरकार है और उसे इसका जवाब देना चाहिए।
ये भी पढ़ेंः J&K: वाहन चालकों पर चला Traffic Police का डंडा, बसों व सूमो सहित कई वाहन जब्त
पी.डी.पी. नेता ने हवाला दिया है रिंग रोड के किनारे जो 30 सैटेलाइट टाऊनशिप बनाई जानी है उससे यहां की कृषि भूमि सकुड़ जाएगी और बागवानी एवं कृषि पर बुरा असर पड़ेगा। किसान जिनकी आजीविका कृषि और बागवानी से चलती है, वे भूमिहीन होने पर परिवार को गुजारा चलाना मुश्किल हो जाएगा। सरकार किस ढंग से अधिगृहित भूमि का मुआवजा देती है, उस बारे भी विचार करने की बात है।
देश भर में जिस ढंग से मुआवजा प्रदान किया गया, उसी प्रकार यहां भी मिलना चाहिए। दो दिन पहले पी.डी.पी. नेता इल्तजा मुफ्ती ने अनंतनाग-बिजबेहाड़ा-पहलगाम रेलवे लाइन पर इसी प्रकार का एतराज जताया था कि इससे किसान भूमिहीन हो जाएंगे और बागवानी एवं कृषि पर असर पड़ेगा। नैकां ने फिलहाल रेलवे लाइन को लेकर प्रस्ताव पर अपना एतराज जताया है कि पहले लोगों से पूछा जाना चाहिए था। जिस ढंग से यह दो मुददों को उठाया जा रहा है उससे तय है कि आने वाले दिनों में इसको लेकर विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला कश्मीर में शुरू हो सकता है। क्योंकि दोनों दल इस मुद्दे को भुनाने का प्रयास करेंगे।
ये भी पढ़ें: School Holidays: J&K के स्कूलों में सर्दियों की छुट्टियों का हुआ ऐलान
पुलवामा जिले के गलेंडर-पम्पोर और नारबल व बडगाम में बननी हैं सैटेलाट टाऊनशिप
पी.डी.पी. नेता के अनुसार आवास एवं शहरी विकास विभाग की ओर से पहले चरण में दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के गलेंडर-पम्पोर और नारबल जो मध्य कश्मीर बड़गाम जिले का हिस्सा है, वहां पर सैटेलाइट टाऊनशिप बननी है। यह सैटेलाइट टाऊनशिप रिंग रोड के दोनों ओर बनाई जानी है और इसके साथ लगती 500 मीटर की जमीन दाएं-बाएं पर कोई निर्माण नहीं कर सकेगा।
इस बारे विभाग ने 18 जुलाई 2024 को आदेश जारी किया है। बताया जा रहा है कि 30 टाऊनशिप बननी है जिसके लिए 4 हजार कनाल भूमि प्रत्येक टाऊनशिप के लिए अधिकृत की जाएगी। इससे लगभग 12 लाख कनाल भूमि की जरूरत पड़ेगी ताकि इनका निर्माण किया जा सके। पीडीपी नेता के अनुसार इतनी अधिक भूमि को अधिकृत किए जाने से कृषि, बागवानी से जुड़ी भूमि पर असर पड़ेगा। पहले ही कृषि एवं बागवानी से जुड़ी भूमि सिकुड़ रही है और इससे कश्मीर की जनता खासकर किसानों की आजीविका पर असर पड़ेगा।