Special Story : अप्रैल माह में जम्मू-कश्मीर में हिंसा का कहर, पर्यटक स्थल बना खून का मैदान तो कहीं...

Edited By VANSH Sharma, Updated: 02 May, 2025 08:05 PM

special story on violence in jammu and kashmir in the month of april

अप्रैल के महीने में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से जुड़ी हिंसा में तेजी देखी गई।

श्रीनगर (मीर आफताब) : अप्रैल के महीने में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से जुड़ी हिंसा में तेजी देखी गई। इस दौरान 26 आम नागरिकों की जान गई, जिनमें 25 पर्यटक शामिल थे। साथ ही, पांच मुठभेड़ों में पांच आतंकी मारे गए, जिनमें से दो घुसपैठिए थे। इस हिंसा में दो भारतीय सैनिकों की भी मौत हुई।

सबसे भयानक हमला पहलगाम के मशहूर पर्यटक स्थल बैसारन में हुआ, जहां 26 लोगों की जान चली गई। इनमें एक स्थानीय निवासी सैयद आदिल हुसैन शाह (हपटनार गांव) भी शामिल था। इस हमले ने पूरी घाटी और देशभर में दहशत फैला दी।

अप्रैल की शुरुआत में ही मिलिटेंट गतिविधियों के संकेत मिलने लगे थे। सबसे पहले कठुआ के पंजतीर्थी जंगल में मुठभेड़ हुई। इसके बाद पुंछ में नियंत्रण रेखा (LoC) पर भारत-पाकिस्तान फायरिंग के बीच एक माइंस ब्लास्ट हुआ। कठुआ के बिलावर इलाके में संदिग्ध आतंकियों की हलचल पर स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने जवाबी फायरिंग की।

महीने के आखिर में एक ही दिन रामनगर के जोफर जंगल और किश्तवाड़ के चतरो इलाके में दो बड़ी मुठभेड़ें हुईं। किश्तवाड़ में तीन आतंकियों को मार गिराया गया। वहीं, अखनूर के केरी बटाल इलाके में एक जबरदस्त मुठभेड़ में जूनियर कमीशंड ऑफिसर कुलदीप चंद शहीद हो गए।

इसके अलावा बारामूला के उरी सेक्टर में दो घुसपैठियों को मार गिराया गया, जो सीमा पार से घुसने की कोशिश कर रहे थे। अगले ही दिन, उधमपुर के डूडा बसंतगढ़ इलाके में एक लंबी मुठभेड़ के दौरान एक और सैनिक की मौत हो गई।

आम लोगों की परेशानियों को और बढ़ाते हुए कुपवाड़ा के कांडी खास इलाके में एक सामाजिक कार्यकर्ता, गुलाम रसूल मग्रे की अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी।

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