कविता संग्रह "कुक्कडू-कडूं" बाल साहित्य पुरस्कार के लिए चयनित

Edited By Neetu Bala, Updated: 17 Jun, 2024 05:49 PM

poetry collection kukkudu kadu selected for children s literature award

दर्दी ने बताया कि वह पैसे के लिए नहीं, बल्कि आत्म संतुष्टि के लिए लिखते हैं।

साम्बा (अजय) : डोगरी साहित्य के लिए एक बार फिर से गर्व का क्षण है। साम्बा जिले के दूरदराज के नड ब्लाक के गांव कलोआ के रहने वाले 64 वर्षीय लेखक/कवि बिशन सिंह दर्दी के कविता संग्रह कुक्कडू-कडूं को डोगरी भाषा में साहित्य अकादमी बाल साहित्य पुरस्कार 2024 के लिए चुना गया है। दर्दी इस उपलब्धि से बेहर उत्साहित हैं और उन्हें साहित्य जगत से जुड़े लोगों से लगातार बधाइयां मिल रही हैं। बच्चों के लिए लिखना सबसे मुश्किल, क्योंकि खुद बच्चा बनना पड़ता है बाल साहित्य के अकादमी सम्मान पाने वाले दर्दी का कहना है कि बच्चों के लिए लिखना सबसे मुश्किल है, क्योंकि इसके लिए खुद बच्चा बनना पड़ता है और बच्चों की मनोस्थिति को समझना पड़ता है।

हालांकि इससे पहले साम्बा जिले के कई प्रख्यात कवि-लेखक साहित्य अकादमी सम्मान पा चुके हैं, जिनमें बलवान सिंह, सीता राम सपोलिया, श्रीमति पदमा सचदेव, मोहन सिंह सलाथिाया शामिल हैं। लेकिन दर्दी ने बताया कि वह अपनी पुस्तक के चुने जाने से बेहद प्रसन्न हैं, क्योंकि इससे उन्हें एक प्रकार से बतौर लेखक-कवि के रूप से मान्यता मिली है।

 कई कविता-लेख संग्रह हो चुके हैं प्रकाशित

 दर्दी के अनुसार वह पैसे के लिए नहीं, बल्कि आत्म संतुष्टि के लिए लिखते हैं। 1979-80 से ही उन्होंने लिखना शुरू किया था और शुरूआत वैष्णो मां दाती नामक एक संग्रह से हुई थी। इसके पश्चात तेरै नां किश गीत ते गजलां संग्रह छपा। इसके अलावा अम्बर छूंदियां धारां किताब भी लिखी।

डोगरी साहित्य दे निर्माता यश शर्मा किताब लिखने के बाद उन्होंने रामायण का डोगरी अनुवाद किया और बनवास नाम से किताब लिखी। मनके अर्थात मोती (डोगरी लेख संग्रह) के बाद कुक्कडू-कडूं (बाल साहित्य), कहानी संग्रह "सीमा के उस पार " दा डोगरी अनुवाद, गीतें दी बुनतर, सोचें दा सागर (डोगरी गजल संग्रह) सहित गई रचनाएं लिखीं और डोगरी साहित्य में अपनी अलग पहचान बनाई। चमुक्खे, यानि डोगरी में चार पंक्तियां, उनकी खास पहचान है।

 फिल्मों के लिए भी लिख चुके हैं गीत 

बिशन सिंह दर्दी इसके साथ ही डोगरी फिल्म रीत, घुग्गी मार डुआरी और होली के लिए बतौर प्रमुख गीतकार गीत लिख चुके हैं। इसके अलावा डोगरी सीरीयल "कुंजू चैंचलो" और "हून मुरमुरा किंयां खाना" के भी गीतकार रहे हैं। "बावा जित्तो पर दोहे-चौपाइयों की एक आडियो कैसेट भी दर्दी निकाल चुके हैं। कथा माता सुकराला देवी, "तेरा भवन सजाया' और '"जय मां बाला सुंदरी " के गीतकार के तौर पर वह वीडियो एल्बम भी बना चुके हैं। 

मोबाइल पर बजती है दर्दी की डोगरी रिंग टोन 

केन्द्र की मोदी सरकार के बहुचर्चित कार्यक्रम (अभियान) बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, के लिए लांच की गई प्रसिद्ध रिंग टोन भी बिशन सिंह दर्दी द्वारा निशुल्क लिखी गई है। मोबाइल पर बजने वाली इस खूबसूरत रिंग टोन के बोल दर्दी ने लिखे थे, जो बेहद मशहूर हुए। आज भी यह रिंगटोन टोन काफी पसंद की जाती है,

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