Edited By Neetu Bala, Updated: 06 Sep, 2024 06:06 PM
विधानसभा चुनाव के दौरान नई दिल्ली ने फिर से अपनी शरारत की और मेरे खिलाफ एक और उम्मीदवार खड़ा कर दिया, जो फिलहाल जेल में बंद है।
श्रीनगर ( मीर आफताब ) : पूर्व मुख्यमंत्री जम्मू-कश्मीर उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि जब जेल से उम्मीदवार उतारे गए तो उन्हें लोकसभा में नई दिल्ली का एजेंडा समझ में नहीं आया, बल्कि मुझे लगा कि यह उनकी किस्मत और मेरी कमजोरी है।
उमर ने लोकसभा चुनाव में राशिद की जीत का जिक्र किए बिना कहा कि तब उन्हें नई दिल्ली का एजेंडा समझ में नहीं आया और उन्हें लगा कि यह उनकी किस्मत और मेरी कमजोरी है, जिसके कारण उन्हें बारामूला संसदीय क्षेत्र से लोकसभा चुनाव हारना पड़ा।
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उन्होंने कहा कि 18 सितंबर से होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान नई दिल्ली ने फिर से अपनी शरारत की और मेरे खिलाफ एक और उम्मीदवार खड़ा कर दिया, जो फिलहाल जेल में बंद है।
"पहले मुझे यकीन नहीं था, लेकिन समय बीतने के साथ मैं इस नतीजे पर पहुंचा कि नई दिल्ली मेरे साथ शरारत कर रही है। मैं जहां से भी चुनाव लड़ रहा हूं, वहां से जेल में बंद लोगों को मेरे खिलाफ खड़ा किया जा रहा है। उमर ने गांदरबल में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, "पहले यह बारामूला, फिर गांदरबल और बाद में बडगाम में था।" जेल में बंद सरजन बरकती का नाम लिए बिना उन्होंने कहा, "मैंने पहले इसे इतनी गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन सरजन बरकती के गांदरबल और साथ ही साथ बडगाम से चुनाव लड़ने का फैसला करने के बाद मैं इस नतीजे पर पहुंचा कि नई दिल्ली नहीं चाहती कि मैं अपने लोगों का प्रतिनिधित्व करूं और मुझे चुप कराना चाहती है।"
उन्होंने कहा कि शोपियां जिले के एक व्यक्ति ने जहां से मैं चुनाव लड़ने जा रहा हूं, वहां से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है, जिससे मैं हैरान हूं। उन्होंने कहा, "मैंने नई दिल्ली की इस योजना पर अपने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ चर्चा की। मैं नामांकन दाखिल करने के लिए चुपचाप आरओ ऑफिस बडगाम पहुंच गया। लेकिन बाद में हमें आश्चर्य हुआ जब जेल में बंद व्यक्ति के परिवार ने वहां पहुंचकर अपने परिवार के मुखिया को वहां से चुनाव लड़ने का फैसला किया।" उमर ने कहा कि मैं अपने लोगों का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं, उनकी चिंताओं को उठा रहा हूं, उनके छीने गए अधिकारों और सम्मान की बात कर रहा हूं। "अगर मैं नई दिल्ली से लड़ रहा हूं तो यह आपके अस्तित्व और सम्मान की लड़ाई है। मैं यह अपने या अपने परिवार के लिए नहीं लड़ रहा हूं। उमर ने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि आपके लोग मतदान के दिन बाहर निकलेंगे और उन लोगों को मुंहतोड़ जवाब देंगे जो मुझे चुप कराना चाहते हैं।’’
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