Edited By Sunita sarangal, Updated: 28 Jan, 2025 02:58 PM
अन्य किसानों ने भी इसी तरह की अपनी भावनाएं व्यक्त कीं और सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की।
डोडा(पारुल दुबे): जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में लैवेंडर की खेती कर रहे किसान एक गंभीर संकट से जूझ रहे हैं। दरअसल, लैवेंडर तेल की बिक्री में गिरावट और लगातार वित्तीय घाटे ने उन्हें अपनी फसल नष्ट करने पर मजबूर कर दिया है। अपनी आजीविका को दांव पर लगाते हुए किसानों को आगामी केंद्रीय बजट 2025 से बहुत उम्मीदें हैं।
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डोडा के एक प्रसिद्ध लैवेंडर किसान भारत भूषण को 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा “इनोवेटिव फार्मर अवॉर्ड” से सम्मानित किया गया था। उन्होंने बिगड़ती स्थिति पर अपनी पीड़ा व्यक्त करते कहा कि उन्होंने 2010 में लैवेंडर की खेती शुरू की थी। शुरुआती वर्षों में यह बहुत लाभदायक था। हालांकि, पिछले दो सालों से उनका लैवेंडर तेल नहीं बिक रहा है और वह घाटे में चल रहे हैं। स्थिति इतनी विकट हो गई है कि उन्हें खेतों में अपनी फसल नष्ट करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार से 2025 के केंद्रीय बजट में डोडा के लैवेंडर किसानों के लिए एक विशेष पैकेज की घोषणा करने का आग्रह किया। संकट के बावजूद लैवेंडर की खेती में भूषण के योगदान को मान्यता मिलना जारी है।
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अन्य किसानों ने भी इसी तरह की अपनी भावनाएं व्यक्त कीं और सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की। उन्होंने कहा कि यदि इसका तुरंत कोई उपाय नहीं किया गया तो वे लैवेंडर की खेती को पूरी तरह से छोड़ने के लिए बाध्य होंगे। उन्होंने मांग की कि सरकार उनके मुद्दों को प्राथमिकता दे और उन्हें बाजार समर्थन प्रदान करने और उनकी आय बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाए। उन्हें आगामी बजट से बहुत उम्मीदें हैं।
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