Edited By Sunita sarangal, Updated: 16 May, 2024 01:20 PM
लद्दाख लोकसभा सीट का क्षेत्रफल 1.74 किलोमीटर तक फैला हुआ है।
जम्मू: केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद लद्दाख में पहली बार हो रहे लोकसभा चुनाव पर देश व दुनिया की नजर है। ऐसे में साल 2019 के प्रदर्शन को दोहराना भाजपा के लिए बड़ी चुनौती है। उल्लेखनीय है कि क्षेत्रफल के लिहाज से लद्दाख लोकसभा सीट भारत की सबसे बड़ी सीट है।
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लद्दाख लोकसभा सीट का क्षेत्रफल 1.74 किलोमीटर तक फैला हुआ है। चीन और पाकिस्तान के साथ लद्दाख की सीमा सटी हुई है। भाजपा ने क्षेत्र में लोगों की नब्ज टटोलने के बाद इस बार वर्तमान सांसद जाम्यांग सीरिंग को टिकट नहीं दिया है। उनकी जगह भाजपा ने ताशी गयालसन को चुनाव मैदान में उतारा है।
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2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने लद्दाख लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की थी। भाजपा के उस समय के उम्मीदवार जाम्यांग सीरिंग ने 42914 वोट हासिल किए थे। लद्दाख लोकसभा सीट पर कुल आबादी करीब पांच लाख के करीब है। इनमें से दो लाख के करीब मतदाता हैं। पुरूष और महिला मतदाताओं की संख्या लगभग एक सामान है।
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कांग्रेंस और नेशनल कांफ्रेंस के उम्मीदवारों के अलावा कई निर्दलीयों के चुनाव मैदान में उतरने से भाजपा के लिए इस बार 2019 के प्रदर्शन को दोहराना चुनौती है। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं लद़्दाख लोकसभा सीट पर पिछले कई दिनों से पार्टी उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार कर रहे विक्रम रंधावा का कहना है कि भाजपा इस बार भी पिछला प्रदर्शन दोहराएगी और जीत दर्ज करेगी।