Srinagar: फारूक अब्दुल्ला के भविष्य में चुनाव लड़ने के सवाल पर बोले उमर अब्दुल्ला

Edited By Neetu Bala, Updated: 15 Apr, 2024 03:12 PM

farooq abdullah not contesting elections is not the end of his political career

उमर ने कहा कि फारुक अब्दुल्ला राजनीति में वापसी कर सकते हैं।

श्रीनगर :  नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के नेता उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि उनके पिता फारूक अब्दुल्ला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं है कि यह उनके चुनावी करियर का अंत है। उमर पत्रकारों से बातचीत में इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने पर फारूक अब्दुल्ला वापसी कर सकते हैं। अपने बेटों जहीर और जमीर को सक्रिय राजनीति के लिए तैयार किए जाने के बारे में एक सवाल के जवाब में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया है जिससे इस तरह का अनुमान लगाया जाए। उमर ने कहा, ‘‘जहां तक मेरे बेटों का सवाल है, उन्होंने क्या किया है। क्या उन्होंने भाषण दिए हैं, क्या उन्हें जनादेश मिला है, क्या उन्होंने कोई सक्रिय राजनीति की है। बेटे या पोते के रूप में, जहां भी जरूरत होती है, वे मदद करते हैं।'' 

उन्होंने कहा, ‘‘हमने एक पार्टी (इफ्तार पार्टी) की मेजबानी की, यदि वे परिवार का हिस्सा होने के रूप में, मेजबान होने के नाते मदद करते हैं, तो क्या इसमें कोई समस्या है।'' उमर ने कहा, ‘‘वे प्रशिक्षित वकील हैं, यदि कभी-कभी पार्टी उनसे कानूनी सलाह लेती है, तो इसमें क्या नुकसान है। लेकिन, क्या आपने उन्हें सक्रिय रूप से प्रचार करते या जनादेश मांगते देखा है। मैंने ऐसा नहीं देखा है।'' 

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से प्रतिद्वंद्वियों पर वंशवाद की राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप लगाने पर उमर ने कहा कि केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी को राजनीतिक परिवारों से कोई समस्या नहीं है, क्योंकि लोकसभा चुनाव में उसका हर पांचवा उम्मीदवार ऐसे परिवारों से आते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस बात पर कायम हूं कि भाजपा को राजनीति में परिवारों से कोई समस्या नहीं है। भाजपा की समस्या उन परिवारों से है जो भाजपा का विरोध करते हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा कैसे है कि पवार साहब का परिवार एक वंशवादी पार्टी है, लेकिन अजित पवार वंशवादी नहीं हैं। जब अजित पवार की पत्नी, सुप्रिया सुले के खिलाफ लड़ती हैं, तो यह वंशवादी राजनीति नहीं है क्या। भाजपा को इससे कोई समस्या नहीं है।'' उमर ने कहा कि और इसी तरह के उदाहरण ठाकरे परिवार और एन चंद्रबाबू नायडू के परिवार से सामने आते हैं। 

उन्होंने कहा, ‘‘जब भारत के गृह मंत्री और अन्य लोग उद्धव ठाकरे के चचेरे भाई राज ठाकरे से मिलते हैं, तो यह वंशवाद नहीं है। ठाकरे उपनाम के अलावा वहां और क्या है। भाजपा ने आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू के साथ गठबंधन किया है। नायडू एनटीआर के दामाद हैं, और इसी वजह से उन्हें राजनीति में प्रवेश मिला। क्या यह वंशवाद नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘आज भाजपा में दूसरी और तीसरी पीढ़ी के कितने नेता हैं… ये सभी युवा जो अब आ रहे हैं, चाहे वह सुषमा स्वराज की बेटी हों, या हिमाचल प्रदेश से भाजपा के वरिष्ठ नेता (अनुराग ठाकुर)। आप मुझसे क्या चाहते हैं, मैं इस तरह के कितने नाम गिनाऊं, इसका कोई अंत नहीं है।''

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