Edited By Sunita sarangal, Updated: 04 Sep, 2024 11:06 AM
वर्ष 2017 के आतंकवादी वित्तपोषण मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत एन.आई.ए. द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से रशीद 2019 से तिहाड़ जेल में बंद है।
जम्मू-कश्मीर: दिल्ली की एक अदालत आतंकवाद वित्तपोषण मामले में जेल में बंद लोकसभा सदस्य इंजीनियर रशीद की नियमित जमानत याचिका पर बुधवार को अपना फैसला सुना सकती है। शेख अब्दुल रशीद को इंजीनियर रशीद के नाम से भी जाना जाता है। इंजीनियर रशीद ने 2024 के लोकसभा चुनाव में बारामूला सीट पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को हराया था।
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अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश चंद्रजीत सिंह ने 28 अगस्त को बंद कमरे में सुनवाई के दौरान याचिका पर दलीलें सुनी थीं और आदेश सुरक्षित रख लिया था। न्यायाधीश ने 20 अगस्त को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एन.आई.ए.) को नोटिस जारी करके रशीद की याचिका पर 28 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। 5 जुलाई को अदालत ने रशीद को लोकसभा चुनाव जीतने के बाद पद की शपथ लेने के लिए हिरासत में पैरोल दी थी।
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वर्ष 2017 के आतंकवादी वित्तपोषण मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत एन.आई.ए. द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से रशीद 2019 से तिहाड़ जेल में बंद है। रशीद का नाम कश्मीरी व्यवसायी जहूर वटाली की जांच के दौरान सामने आया था, जिसे एन.आई.ए. ने कश्मीर घाटी में आतंकवादी समूहों और अलगाववादियों का कथित रूप से वित्तपोषण करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। एन.आई.ए. ने मामले में कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक, लश्कर-ए-तैयबा संस्थापक हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन समेत कई व्यक्तियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। मलिक को आरोपों में दोषी ठहराए जाने के बाद 2022 में एक निचली अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
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