Edited By VANSH Sharma, Updated: 26 Jul, 2025 07:47 PM

श्रीनगर के टैगोर हॉल में 22 और 23 जुलाई को श्री गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहादत को समर्पित दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन हुआ।
बारामुला (रिज़वान मीर): श्रीनगर के टैगोर हॉल में 22 और 23 जुलाई को श्री गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहादत को समर्पित दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन हुआ। पहले दिन श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पवित्र शब्दों का पाठ हुआ, लेकिन दूसरे दिन के सांस्कृतिक कार्यक्रम में डांस, म्यूजिक और लोक गीतों की प्रस्तुति पर विवाद खड़ा हो गया।
सिख समुदाय के कई लोगों ने इसे सिख मर्यादा (रहेत मर्यादा) के खिलाफ बताया और नाराज़गी जताई। बारामुला की खालसा धर्मिक पंचायत ने इस मामले को गंभीर बताया और श्री अकाल तख्त साहिब से कार्रवाई की मांग की है।
इस कार्यक्रम में पंजाब के शिक्षा मंत्री श्री हरजोत सिंह बैंस, कश्मीर के डिस्टिक गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DGPC) के सदस्य और कई सिख संस्थाओं के वरिष्ठ प्रतिनिधि मौजूद थे।
खालसा धर्मिक पंचायत बारामुला के चेयरमैन सरदार डी.डी. सिंह ने कहा कि यह कोई जश्न का मौका नहीं था। यह एक शहादत को याद करने का अवसर था। ऐसे में नाच-गाना करना शहीदों और सिख परंपरा का अपमान है। उनके साथ सरदार तेजपाल सिंह, सरदार निर्मल सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता शेख मुनीर, जर्नैल सिंह, जंड के ह्यूमन यारियां वेलफेयर संगठन के कार्यकारी सदस्य ग़ुलाम मोहम्मद लोन और करण सिंह ने भी मीडिया को संबोधित करते हुए विरोध जताया।
खालसा धर्मिक पंचायत ने सभी सिख संस्थाओं से अनुरोध किया है कि धार्मिक आयोजनों की पवित्रता बनाए रखें और भविष्य में ऐसे कार्यक्रमों से बचें। अब समुदाय श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से औपचारिक प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा कर रहा है।
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