Edited By Neetu Bala, Updated: 31 Mar, 2025 04:17 PM

ऐसा दावा किया जाता है कि इसके द्वारा एक मिनट में 700-970 राउंड फायर किए जा सकते हैं।
जम्मू डेस्क : जम्मू-कश्मीर में आतंकियों द्वारा किए जा रहे हमलों में एक सामान्य बात यह सामने आई है कि इन हमलों में अमेरिका की एम 4 कार्बाईन का प्रयोग किया गया है। जो भारतीय सेना के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। खासकर जम्मू संभाग में बीते कुछ वर्षों के दौरान हुए तमाम बड़े आतंकी हमलों और मुठभेड़ों में आतंकियों ने एम4 का इस्तेमाल किया है।
हथियारों की आपूर्ति की आशंका
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बाद उनके बचे हुए हथियार पाकिस्तान के जरिए आतंकियों तक पहुंचाए जा रहे हैं। एम4 कार्बाइन एक हल्की, गैस संचालित, एयर-कूल्ड, मैगजीन से चलने वाली राइफल है। ऐसा दावा किया जाता है कि इसके द्वारा एक मिनट में 700-970 राउंड फायर किए जा सकते हैं। जम्मू-कश्मीर में आतंकियों द्वारा इन असॉल्ट राइफलों का लगातार इस्तेमाल 2021 में अफगानिस्तान से बाहर निकलते समय अमेरिकी सेना द्वारा हथियार और गोला-बारूद छोड़ने का परिणाम है।
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पाकिस्तान की भूमिका
अफगानिस्तान से अमेरिकियों की वापसी के बाद, उन्होंने हथियारों और गोला-बारूद का एक बड़ा भंडार छोड़ दिया था, जो पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) की मदद से आतंकियों तक पहुंच रहे हैं। यह स्थिति जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों के लिए एक नई और गंभीर चुनौती बन गई है, जिससे निपटने के लिए सुरक्षा तैयारियों को और मजबूत करने की आवश्यकता महसूस हो रही है।
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