Edited By Sunita sarangal, Updated: 15 Jan, 2025 12:08 PM
जम्मू-कश्मीर पर आतंक के अलावा एक और बड़ा खतरा मंडरा रहा है।
जम्मू डेस्क : जम्मू-कश्मीर पर आतंक के अलावा एक और बड़ा खतरा मंडरा रहा है। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के कुछ आंकड़े सामने आए हैं जो कि चिंताजनक है।
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जानकारी के अनुसार जम्मू-कश्मीर में नदियां सूख रही हैं। इसके चलते जल निकायों में पानी का स्तर काफी नीचे चला गया है। बताया जा रहा है कि इसका मुख्य कारण जम्मू-कश्मीर में बारिश का न होना है। केंद्र शासित प्रदेश में पिछले कुछ सालों में बहुत कम बारिश हुई है जिसके चलते झेलम नदी और अन्य जल निकायों का स्तर काफी नीचे गिर गया है।
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क्या कहती है रिपोर्ट
यदि हम पिछले 5 सालों की बात करें तो आंकड़े कुछ इस प्रकार हैं-
2020 – वर्ष 2020 में 982.2 मिमी बारिश हुई जो कि सामान्य बारिश स्तर से 20% कम थी।
2021 – वर्ष 2021 में जम्मू-कश्मीर में 892.5 मिमी यानि सामान्य स्तर से 28% कम बारिश हुई।
2022 – वर्ष 2022 में 1040.4 मिमी बारिश हुई। यह 2021 के मुकाबले अधिक थी लेकिन सामान्य से 16% कम रही।
2023 – वर्ष 2023 में 1146.6 मिमी बारिश हुई जो कि सामान्य बारिश स्तर से 7% कम थी। पिछले 5 सालों में सबसे अधिक बारिश 2023 में ही दर्ज की गई है।
2024 – पिछले वर्ष यानि 2024 की बात करें तो इस साल बारिश 870.9 मिमी दर्ज की गई। यह बारिश सामान्य से 29% कम थी। बता दें कि बारिश का यह आंकड़ा पिछले 50 वर्षों में सबसे कम था।
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क्या है वजह
मौसम एक्सप्रट की मानें तो जम्मू-कश्मीर में कम बारिश का होना यहां के जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के कारण है। अगर बारिश यूं ही कम होती रही तो जल्द ही लोगों को सूखे की मार सहनी पड़ेगी। वहीं ग्लेशियर भी तेजी से पिघल रहे हैं जिसके आगे और भी खतरा बढ़ सकता है।
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