Edited By Neetu Bala, Updated: 01 Oct, 2024 05:20 PM
वाल्मीकि समुदाय के लोगों को 1957 में स्वच्छता कार्य के लिए राज्य सरकार द्वारा पंजाब के गुरदासपुर जिले से जम्मू-कश्मीर लाया गया था।
जम्मू : लंबे समय से वंचित वाल्मीकि समुदाय के सदस्यों ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में पहली बार वोट डाला और इसे 'ऐतिहासिक क्षण' बताया। वाल्मीकि समुदाय के लोगों को 1957 में स्वच्छता कार्य के लिए राज्य सरकार द्वारा पंजाब के गुरदासपुर जिले से जम्मू-कश्मीर लाया गया था।
जम्मू के एक पोलिंग बूथ पर वोट डालने वाले घरू भाटी ने कहा, ''मैं 45 साल की उम्र में पहली बार वोट डाल रहा हूं। हम अपने जीवनकाल में पहली बार जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव में भाग लेने के लिए बहुत उत्साहित और उत्साह से भरे हुए हैं। यह हमारे लिए एक बड़े त्यौहार की तरह है।''
ये भी पढे़ंः J-K चुनाव LIVE : दोपहर 3 बजे तक 56.01 % हुई Voting, सभी आयु वर्ग के मतदाता ले रहे भाग
उन्होंने कहा कि हमारे पास 80 और 18 साल की उम्र के युवा मतदाता हैं। हमसे पहले की दो पीढ़ियां इस अधिकार से वंचित थीं, लेकिन जब अनुच्छेद 370 को निरस्त किया गया, तो न्याय की जीत हुई और हमें जम्मू-कश्मीर की नागरिकता दी गई।'' वोट देने का अधिकार और जम्मू-कश्मीर की नागरिकता। यह पूरे वाल्मिकी समुदाय के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है।
पश्चिमी पाकिस्तान से आए शरणार्थियों और गोरखा समुदाय के साथ ही वाल्मीकि समुदाय की संख्या करीब डेढ़ लाख है। वे जम्मू, सांबा और कठुआ जिलों के विभिन्न हिस्सों में रहते हैं, खासकर सीमावर्ती इलाकों में। भाटी ने कहा, ''आज हम मतदान कर रहे हैं। कल हम अपने लोगों का प्रतिनिधित्व करेंगे। यह हमारे जीवन में एक नए युग की शुरुआत है। हम अपने मुद्दों को विधानसभा तक ले जाएंगे। कल्पना कीजिए कि हमारे समुदाय का एक सदस्य, अब विधायक या मंत्री बनने की इच्छा रख सकता है। हम इतना बड़ा बदलाव होते हुए देख रहे हैं।”
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here