Edited By Neetu Bala, Updated: 22 Jun, 2024 04:27 PM
गुरु जी ने उस समय की दमनकारी शासन व्यवस्था के खिलाफ लगभग चार युद्ध लड़े और हर एक में जीत हासिल की।
बारामूला ( मीर आफताब ) : गुरुद्वारा छठी पादशाही पुराने शहर बारामूला में धार्मिक उत्साह के साथ गुरु हरगोबिंद जी की जयंती मनाई गई। गुरु हरगोबिंद जी की जयंती, जिसे प्रकाश पर्व के रूप में भी जाना जाता है, आज पूरे जम्मू और कश्मीर में धार्मिक उत्साह, जोश और उल्लास के साथ मनाई गई। खासकर बारामूला में छठी पादशाही गुरुद्वारा साहिब में छठे सिख गुरु की जयंती पर मुख्य धार्मिक समारोह आयोजित किया गया, जबकि अन्य गुरुद्वारों में भी श्रद्धालुओं की प्रार्थना के लिए भीड़ रही।
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गुरुद्वारा प्रबंध समिति के परमजीत सिंह जी ने कहा कि छठी पादशाही और घाटी के आसपास के अन्य गुरुद्वारों में शबद कीर्तन और लंगर का आयोजन किया गया। सिंह ने कहा कि प्रार्थना के अलावा धार्मिक नेताओं ने गुरु हरगोबिंद जी की शिक्षाओं पर अंतर्दृष्टि डाली गई। श्रद्धालुओं ने कहा कि छठे गुरु ने घाटी के कई हिस्सों का दौरा किया था और यह दिन उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि गुरु जी के सम्मान में घाटी में कई गुरुद्वारे बनाए गए हैं, जिन्होंने बहुत कम उम्र में ही कई उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। एक श्रद्धालु ने कहा, "उन्होंने अपने पूरे जीवन में कई उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने उस समय की दमनकारी शासन व्यवस्था के खिलाफ लगभग चार युद्ध लड़े और हर एक में जीत हासिल की। उन्होंने कश्मीर की यात्रा की और उनके द्वारा कई गुरुद्वारे बनवाए गए।" विभिन्न क्षेत्रों के गुरुद्वारों में भी इसी तरह के समारोह आयोजित किए गए।