जम्मू-कश्मीर : 6 अलगाववादी समूहों को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने लिया यह फैसला

Edited By Sunita sarangal, Updated: 12 Sep, 2024 10:58 AM

delhi high court upholds ban on 6 separatist groups of jk

दिल्ली हाईकोर्ट ने आतंकवाद के जरिए जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद की भावनओं को भड़का कर भारत की अखंडता को खतरा पहुंचाने वाले समूहों पर केंद्र के प्रतिबंध को सही ठहराया है।

जम्मू-कश्मीर: दिल्ली उच्च न्यायालय के एक विशेष न्यायाधिकरण ने आतंकवाद के जरिए जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद की भावनओं को भड़का कर भारत की अखंडता को खतरा पहुंचाने के लिए अलगाववादी समूह मुस्लिम कॉफ्रेंस जम्मू-कश्मीर (एम.सी.जे.के.) के गुटों और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स लीग (जे.के.पी.एल.) के 4 गुटों पर केंद्र के प्रतिबंध को सही ठहराया है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस साल इन समूहों को प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया था। इसके अधिनिर्णय की जिम्मेदारी दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायाधीश नीना बंसल कृष्णा को सौंपी गई थी। न्यायमूर्ति कृष्णा के नेतृत्व वाले न्यायाधिकरण ने तीन अलग-अलग आदेश जारी कर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यू.ए.पी.ए.) के तहत लगाए गए प्रतिबंध को बरकरार रखा। इनमें से एक-एक आदेश मुस्लिम कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर (भट गुट) और मुस्लिम कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर (सुमजी गुट) से संबंधित है और तीसरा जे.के.पी.एल. के 4 गुटों से जुड़ा है।

यह भी पढ़ें :  J-K विधानसभा चुनावों से पहले कश्मीर को दहलाने की कोशिश नाकाम, LOC के पास हथियारों और गोला-बारूद का बड़ा जखीरा बरामद

गृह मंत्रालय (एम.एच.ए.) ने 28 फरवरी को एक अधिसूचना के माध्यम से मुस्लिम कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर (एम.सी.जे.के.-भट) को प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया था। मंत्रालय ने 18 मार्च को न्यायाधिकरण का गठन यह निर्णय करने के उद्देश्य से किया था कि एम.सी.जे.के.-भट को गैरकानूनी संगठन घोषित करने के लिए पर्याप्त कारण मौजूद हैं या नहीं। मंत्रालय ने मंगलवार को जारी एक अधिसूचना में कहा कि न्यायाधिकरण ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए 23 अगस्त 2024 को एक आदेश पारित किया, जिसमें उक्त अधिसूचना में की गई घोषणा की पुष्टि की गई है।

दूसरे आदेश में न्यायाधिकरण ने एम.सी.जे.के. (सुमजी गुट) पर 28 फरवरी को लगाए गए प्रतिबंध को बरकरार रखा। 23 अगस्त को जारी अपने आदेश में न्यायाधिकरण ने गृह मंत्रालय की इस दलील को स्वीकार कर लिया कि गुलाम नबी सुमजी की अध्यक्षता वाला एम.सी.जे.के. (सुमजी गुट) अपने भारत विरोधी और पाकिस्तान समर्थक प्रचार के लिए जाना जाता है तथा इसके सदस्य आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने और जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों को सहायता प्रदान करने में शामिल हैं।

यह भी पढ़ें :  J-K Elections : कांग्रेस ने 5 और उम्मीदवार किए घोषित, पूर्व मंत्री सहित इन्हें मिली टिकट

न्यायाधिकरण ने तीसरे आदेश में जम्मू-कश्मीर पीपुल्स लीग के 4 गुटों- जे.के.पी.एल. (मुख्तार अहमद वाजा), जे.के.पी.एल. (बशीर अहमद तोता), जे.के.पी.एल. (गुलाम मोहम्मद खान उर्फ सोपोरी) और याकूब शेख के नेतृत्व वाली जे.के.पी.एल. (अजीज शेख) पर लगाए गए प्रतिबंध की पुष्टि की है। जे.के.पी.एल. (गुलाम मोहम्मद खान उर्फ सोपोरी) को जम्मू-कश्मीर पीपुल्स पॉलिटिकल लीग के नाम से भी जाना जाता है। न्यायाधिकरण ने अपने 29 अगस्त के आदेश में कहा कि इन कार्यवाहियों में रिकॉर्ड पर रखी गई विस्तृत सामग्री और साक्ष्य के तहत जे.के.पी.एल. के 4 गुटों पर प्रतिबंध को बरकरार रखने का पर्याप्त आधार है।

अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!