कश्मीर तक Train: एक तरफ बेहतर Development तो दूसरी ओर कड़ा विरोध, जानें क्यूं बढ़ी किसानों की चिंता !

Edited By Neetu Bala, Updated: 06 Dec, 2024 01:30 PM

politics over vande bharat in kashmir

पी.डी.पी. और नैकां नेताओं ने ब्यान जारी करते हुए कहा कि बिना पूछे रेलवे लाइन का सर्वे किया गया जबकि इस बारे आम जनता एवं लोगों से राय तक नहीं ली गई कि उन्हें जरूरत भी है या नहीं।

श्रीनगर/जम्मू : नव वर्ष 2025 के जनवरी माह में कश्मीर को रेलवे का बड़ा तोहफा मिलने जा रहा है, जब वंदे भारत ट्रेन देश भर के यात्रियों को लेकर कश्मीर पहुंचेगी। वंदे भारत कश्मीर पहुंचने को लेकर कश्मीर का आवाम भी खुश है, परन्तु कश्मीर में रेलवे का विस्तार राजनेताओं को रास नहीं आया।

अनंतनाग से पहलगाम और अनंतनाग से शोपियां तक की रेलवे लाइन को लेकर अधिकारिक रूप से कोई सरकार की ओर से बयान नहीं आया है। लेकिन पी.डी.पी. और नैकां के नेताओं ने इस प्रस्तावित रेल लिंक को लेकर शोर मचाना शुरू कर दिया है। पी.डी.पी. और नैकां नेताओं ने ब्यान जारी करते हुए कहा कि बिना पूछे रेलवे लाइन का सर्वे किया गया जबकि इस बारे आम जनता एवं लोगों से राय तक नहीं ली गई कि उन्हें जरूरत भी है या नहीं।

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नैशनल कांफ्रैंस के सांसद आगा सईद मेहदी राहुल्ला ने संसद में शीतकालीन सत्र में भाग लेते हुए कश्मीर में प्रस्तावित रेल प्रोजैक्ट के विस्तार को लेकर आशंका जताई। उन्होंने कहा कि कश्मीर में 2 रेल लाइन बिछाने का सर्वे किया जा रहा है जिसमें अनंतनाग से पुलवामा और शोपियां को जोड़ा जाना है और दूसरा अनंतनाग से बिजबहाड़ा होते हुए पहलगाम तक रेलवे लाइन बिछाई जानी है।

उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों से यह रेलवे लाइन जानी है, वह सारा क्षेत्र बागवानी और कृषि से जुड़ा हुआ है। पहले ही कृषि योग्य भूमि कम हो रही है और ऐसे में यह प्रोजैक्ट बनाने के लिए किसानों की जमीन ली जाएगी जिससे उनकी आजीविका को नुकसान पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि बागवानी और कृषि कश्मीर के किसानों की आय का मुख्य स्रोत हैं।

राहुल्ला ने कहा कि बागवानी और कृषि को होने वाले नुकसान को ध्यान में रखते हुए लोगों की बात सुनी जानी चाहिए। पहले ही जम्मू-कश्मीर के लोगों के अधिकार छीन लिए गए हैं और अब बची जमीनों को भी हथियाने का प्रयास चल रहा है।

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उधर पी.डी.पी. की युवा नेता एवं महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने भी प्रस्तावित रेलवे लाइन पर शंका जताते हुए कहा कि अनंतनाग-पुलवामा-पहलगाम रेल लिंक से किसानों की जमीन चली जाएगी। उन्होंने भी कहा कि कश्मीर में किसानों की आजीविका खेती और बागवानी पर निर्भर है। कश्मीर में अधिकांश भूमि खेतीहर है और बागवानी पर किसान निर्भर हैं। ऐसे में रेलवे लाइन के लिए ऐसी जमीन लेनी चाहिए जो गैर कृषि योग्य भूमि हो।

उन्होंने उपराज्यपाल से आग्रह किया कि इस प्रस्तावित रेलवे लाइन को लेकर कृषि भूमि को बचाया जाए ताकि कश्मीर में बागवानी और कृषि में जुटे किसानों की आजीविका को बचाया जा सके।

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