Edited By Neetu Bala, Updated: 20 Dec, 2024 11:02 AM
हिजबुल कमांडर फारूक अहमद भट उर्फ फारूक नल्ली ए++ श्रेणी का आतंकी था। वह 2015 से सक्रिय था। उनके खिलाफ रेप और छेड़छाड़ (376 आरपीसी) के अलावा अन्य आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए करीब 37 पर्चे दर्ज थे।
कुलगाम ( मीर आफताब ) : कल कुलगाम में सुरक्षा बलों व आतंकियों के बीच की मुठभेड़ को लेकर सेना की प्रेस कॉन्फ्रेंस सामने आई है। कुलगाम में कल मुठभेड़ में पांच आतंकवादियों के मारे जाने को बड़ी सफलता बताते हुए सुरक्षा बलों ने कहा कि उन्होंने कुलगाम में एक संयुक्त अभियान के दौरान पांच आतंकवादियों को मार गिराकर हिज्बुल मुजाहिदीन को बड़ा झटका दिया है। सेना ने 18 दिसंबर की सुबह शुरू हुए इस अभियान को क्षेत्र में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ी सफलता बताया है।
कुलगाम में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए 2 सेक्टर आरआर के कमांडर ब्रिगेडियर अनिरुद्ध ने कहा कि आतंकवादियों के समूह पर दो महीने से निगरानी थी। उन्होंने कहा, "विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ और भारतीय सेना सहित सुरक्षा बलों ने कुलगाम के कादर के आवासीय क्षेत्र में एक समन्वित अभियान शुरू किया।" 2 आरआर के सेक्टर कमांडर ने कहा, "सुबह 3:30 बजे घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया गया और 20 मिनट के भीतर आतंकवादियों ने कई स्थानों से तलाशी दल पर गोलीबारी शुरू कर दी।"
उन्होंने कहा, "नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए, उन्होंने आतंकवादियों से भिड़ने से पहले क्षेत्र से नागरिकों को निकाला और छह घंटे बाद अभियान समाप्त हुआ।"
मारे गए आतंकवादियों में फारूक अहमद भट भी शामिल था, जो दक्षिण कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन का सबसे पुराना जीवित कमांडर था। फारूक 2015 से सक्रिय था और कथित तौर पर घाटी में युवाओं को कट्टरपंथी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा था।" "फारूक ने दक्षिण कश्मीर में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उसके खिलाफ विभिन्न अपराधों के लिए कई एफआईआर दर्ज थीं।
हिजबुल कमांडर फारूक अहमद भट उर्फ फारूक नल्ली ए++ श्रेणी का आतंकी था। वह 2015 से सक्रिय था। उनके खिलाफ रेप और छेड़छाड़ (376 आरपीसी) के अलावा अन्य आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए करीब 37 पर्चे दर्ज थे। दक्षिण कश्मीर में कट्टरपंथ को बढ़ावा देने, ओजीडब्ल्यू नेटवर्क सक्रिय करने, स्थानीय आतंकी भर्ती को अंजाम देने में उसकी अहम भूमिका रही है। वह राजनीतिक लोगों को धमकी देने, हमला, पुलिसकर्मियों की हत्या, ग्रेनेड अटैक जैसी वारदात में शामिल रहा है।
ब्रिगेडियर ने कहा, "अन्य आतंकवादियों के खात्मे के साथ-साथ उसकी मौत ने हिजबुल मुजाहिदीन को गहरा झटका दिया है।" उन्होंने यह भी कहा कि ऑपरेशन के दौरान दो सैनिक घायल हो गए और उनका बेस अस्पताल में इलाज चल रहा है। उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। अधिकारी ने कुलगाम के निवासियों के सहयोग और उनके द्वारा दी गई महत्वपूर्ण जानकारी की सराहना की है, जिसने ऑपरेशन की सफलता में योगदान दिया।
उन्होंने सुरक्षा बलों के बीच तालमेल और घाटी में शांति स्थापित करने की उनकी प्रतिबद्धता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, "यह ऑपरेशन न केवल शोपियां और कुलगाम में हिजबुल मुजाहिदीन की मौजूदगी को खत्म करता है, बल्कि कश्मीर में आतंकवाद पर अंकुश लगाने की दिशा में एक उल्लेखनीय कदम भी है।"
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