Edited By Kamini, Updated: 20 May, 2025 01:21 PM

इन किसानों ने स्ट्रॉबेरी की उच्च क्षमता वाली फसल उगाकर अपने गांव गासू को ख्याति दिलाई है।
श्रीनगर/जम्मू : श्रीनगर के बाहरी इलाके गासू खिम्बर गांव के एक हजार से अधिक लोगों ने अपनी मेहनत से बागवानी की दिशा में पहचान बना ली है। इन किसानों ने स्ट्रॉबेरी की उच्च क्षमता वाली फसल उगाकर अपने गांव गासू को ख्याति दिलाई है। गासू खिम्बर के एक हजार से अधिक किसान स्ट्रॉबेरी के व्यापार से जुड़े हुए हैं। यहां सेब के बगीचे भी हैं, जो उनकी आजीविका का साधन हैं।
‘घाटी में स्ट्रॉबेरी की खेती इसकी अनुकूल जलवायु परिस्थितियों के कारण 17 साल पहले शुरू की गई थी और यह श्रीनगर के बाहरी इलाके में स्थित जकुरा, गासू और खिमबेर क्षेत्रों में स्थानीय लोगों के लिए रोजगार सृजन में सहायक है।
प्रतिदिन लगभग एक हजार ट्रे स्ट्रॉबेरी का होता है उत्पादन
स्थानीय किसानों के अनुसार अकेले गासू गांव में ही प्रतिदिन लगभग एक हजार ट्रे यानी 2000 किलोग्राम स्ट्रॉबेरी का उत्पादन होता है। किसानों के अनुसार 2 किलोग्राम स्ट्रॉबेरी की 8 ट्रे की एक कटोरी की कीमत खेत पर 350 रुपए है। यहां के किसान ज्यादातर फल सीधे मंडी में भेजते हैं। कुछ ग्राहक किसानों से सीधे माल भी ले जाते हैं। आइसक्रीम फैक्ट्री, बेकरी शॉप के मालिक और जूस फैक्ट्री के लोग ज्यादातर इन किसानों से फल खरीदते हैं, जिससे उन्हें मुंह मांगी रकम मिलती है। जम्मू-कश्मीर का बागवानी विभाग इन किसानों की मदद करता है। स्ट्रॉबेरी उगाने, जमीन तैयार करने, खाद डालने, पानी डालने और फिर कटाई के बाद फसल को पैक करने में काफी मेहनत लगती है। गर्मी के कारण फसल सूख जाती है। तब जल का प्रबंधन के लिए किसानों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

पुरुष, महिलाएं और बच्चे फसल की करते हैं कटाई और देखभाल
पुरुष, महिलाएं और बच्चे सभी फसल की देखभाल और कटाई में हिस्सा लेते हैं, जो आमतौर पर मई से जून के बीच होती है। हालांकि स्ट्रॉबेरी की कटाई उत्तरी कश्मीर में स्थित तंगमर्ग के साथ-साथ दक्षिण कश्मीर के कुछ हिस्सों में भी होती है, लेकिन किसानों का मानना है कि गासु खिमबर में उगाए जाने वाले फल अपने बड़े आकार, रसीलेपन और बेहतरीन स्वाद के लिए जाने जाते हैं। घाटी में अनुकूल जलवायु परिस्थितियों के कारण स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू की गई थी और गासु खिमबर इलाकों को फसल के लिए सबसे उपयुक्त माना जा रहा है। उत्तरी कश्मीर के तंगमर्ग और दक्षिण के कुछ हिस्सों में भी स्ट्रॉबेरी की कटाई की जा रही है, लेकिन श्रीनगर के गासु खिमबर इलाकों में किसानों के अनुसार फल आकार में बड़े, अधिक रसीले और स्वाद में अच्छे माने जाते हैं। इसलिए देश भर में इसकी काफी ख्याति है।
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