Edited By Neetu Bala, Updated: 09 May, 2024 01:32 PM

राजौरी-पुंछ में पिछले दो सालों से क्षेत्र में आतंकवादी हमले बढ़ रहे हैं।
राजौरी-पुंछः भारत की खुफिया एजैंसियों द्वारा इस बात का खुलासा किया जा रहा है कि राजौरी-पुंछ के जंगलों में आतंकियों द्वारा ऐसे एप का इस्तेमाल किया जा रहा है जो बिना इंटरनैट के चलता है। खुफिया एजैंसियों द्वारा इस बात की जानकारी दी गई है कि राजौरी-पुंछ के जंगलों में सक्रिय आतंकी वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिस कारण उनकी लोकेश का पता लगाना असम्भव है। बताया जा रहा है सीमा पार बैठे आतंकियों द्वारा इनकी सहायता की जा रही है। इस इंटरनैट का इस्तेमाल कर न सिर्फ उन्हें टारगेट दिया जा रहा है, बल्कि हमले के बाद सुरक्षित जगह का रास्ता भी बताया जाता है।
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गौरतलब है कि राजौरी-पुंछ में पिछले दो सालों से क्षेत्र में आतंकवादी हमले बढ़ रहे हैं। आतंकियों के संचार नेटवर्क का तोड़ एनआईए भी नहीं निकाल पा रही। एनआईए की जांच में भी इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि आतंकी ऐसे एप का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसमें इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं होता। यही कारण है कि हमलों के बाद आतंकवादी पकड़े नहीं जाते हैं।