Edited By Kamini, Updated: 28 Apr, 2025 02:45 PM

जम्मू में आज जम्मू-कश्मीर विधानसभा सत्र की शुरूआत हो गई है। जम्मू विधानसभा में पहलगाम हमले में जान गंवाने वाले 26 निर्दोष लोगों को श्रद्धांजलि दी गई।
जम्मू डेस्क : जम्मू में आज जम्मू-कश्मीर विधानसभा सत्र की शुरूआत हो गई है। जम्मू विधानसभा में पहलगाम हमले में जान गंवाने वाले 26 निर्दोष लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही अध्यक्ष ने सभी शहीदों को नमन किया और दो मिनट का मौन रखवाया। विधायकों ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए शोक व्यक्त किया और शहीद परिवारों के प्रति संवेदना जताई।
आज के इस विधानसभा सत्र के दौरान CM उमर अब्दुल्ला भावुक हो गए और उन्होंनों ने इस दौरान पहलगाम में सभी मृतकों के नाम पढ़ें। CM उमर अब्दुल्ला ने इस दौरान कहा कि इस आतंकी हमले ने हमें अंदर से खोखला कर दिया है। नेवी अफसर की विधवा पत्नी और एक छोटे बच्चे ने अपने पिता को खून से लथपत देखा है, मैं उनको क्या जवाब दूं। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले इस हाऊस में बजट सहित कई मुद्दों पर बहस चली, लेकिन किसी ने ये नहीं सोचा होगा कि, एक दिन जम्मू कश्मीर में ऐसे भी हालत बन जाएंगे।
CM उमर अब्दुल्ला ने इस दौरान भावुक होकर कहा कि उन्होंने अपने 26 सालों में पहली बार देखा है, जब कठुआ से लेकर श्रीनगर तक लोग अपने घरों से बाहर आग और खुलकर बोले हैं। कश्मीर के लोग कह रहे हैं कि वह ऐसे हमले नहीं चाहते। हर एक कश्मीरी के जुबान पर यही है कि ऐसा माहौल नहीं चाहिए। लोग घरों से बाहर आकर बैनर/पोस्टर दिखाकर नारे लगा रहे हैं। अगर लोग हमारे साथ हैं तो हम आतंक को हरा सकते हैं। इस हमले का दर्द जम्मू कश्मीर की विधानसभा समझती है, न की सदन और न ही इस मुल्क का कोई और समझता है। पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की दर्दनाक मौत हुई, हर किसी ने अपना करीबी खोया है। सीएम उमर अब्दुला ने कहा कि, मेरे पास टूरिस्ट से माफी मांगने के लिए कोई शब्द नहीं है। क्योंकि उनकी सुरक्षा व देखभाल की जिम्मेदारी हमारी हैं। हमने अतीत में कश्मीरी पंडितों व सिख समुदायों पर आतंगी हमले होते हुए देखे हैं। काफी लंबे समय के बाद ऐसा हमला देखा है, जिसे भुलाया नहीं जा सकता।
वहीं उन्होंने कहा कि, जम्मू-कश्मीर में 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए 26 लोगों के नाम पर जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य का दर्जा मांगने नहीं जा रहे हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि वह अभी भी क्षेत्र के लिए राज्य का दर्जा मांगेंगे, लेकिन इस समय नहीं जब देश अभी भी 26 लोगों की मौत का शोक मना रहा है।