Edited By Subhash Kapoor, Updated: 29 Jan, 2025 12:32 PM
हालांकि वह कह चुके हैं कि पार्टी के साथ उनका कोई मतभेद नहीं है।
जम्मू: जम्मू-कश्मीर के 2 विधानसभा क्षेत्रों में उप-चुनाव को लेकर राजनीतिक दल सक्रिय हो गए हैं। हालांकि चुनाव आयोग की ओर से अभी इन स्थानों के लिए चुनावों की घोषणा नहीं की गई है। परन्तु राजनीतिक दलों ने अपने चुनाव कार्यालय खोलना शुरू कर दिए हैं। उम्मीद है कि फरवरी में चुनाव आयोग उप-चुनाव की घोषणा कर सकता है।
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जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बड़गाम विधानसभा सीट छोड़ दी थी और वह स्थान रिक्त है। इसी तरह जम्मू संभाग के नगरोटा विधानसभा क्षेत्र के विधायक स्वर्गीय देवेन्दर राणा के निधन के कारण यह स्थान रिक्त हुआ है। इन दोनों स्थानों पर उप-चुनाव करवाए जाने को लेकर राजनीतिक दलों ने कमर कसना शुरू कर दिया है।
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बड़गाम सीट पर चुनाव को लेकर नैशनल कांफ्रैंस के नेताओं ने पिछले सप्ताह दौरा किया था और सांसद आगा सईद राहुल्ला के साथ मुलाकात की थी। नैकां चाहती है कि बड़गाम से सलाहकार नासिर असलम वानी को चुनाव में उतारा जाए। सांसद आगा सईद राहुल्ला कुछ मुद्दों को लेकर अपनी ही पार्टी को कटघरे में खड़ा कर चुके हैं।
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हालांकि वह कह चुके हैं कि पार्टी के साथ उनका कोई मतभेद नहीं है। फिर भी उन्हें मनाने के लिए नैकां के वरिष्ठ नेता बड़गाम पहुंचे थे। बड़गाम में बड़ी संख्या में शिया समुदाय रहता है और उनका समर्थन अहम है। आगा सईद राहुल्ला स्वयं धार्मिक नेता हैं और उनकी रजामंदी के बिना चुनाव में उतरना खतरे से खाली नहीं होगा। इसीलिए नैकां ने अपने नेताओं को उन्हें मनाने के लिए भेजा था।
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जम्मू की नगरोटा सीट पर भाजपा नेता स्वर्गीय देवेन्दर राणा की बेटी देवयानी राणा भी सक्रिय हो चुकी हैं। पिछले दिनों उन्हें भारतीय जनता युवा मोर्चा का प्रदेश उप्रधान मनोनीत किया गया। वह स्वयं भी नगरोटा विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय हो चुकी हैं और जनता का उन्हें समर्थन मिल रहा है। आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए कांग्रेस, नैकां, पैंथर्स पार्टी समेत अन्य दल भी सक्रिय हुए हैं। मंगलवार को कांग्रेस नेता बलवान सिंह ने नगरोटा में ब्लाक कांग्रेस कमेटी का कार्यालय खोला है। इसी तरह इस विधानसभा क्षेत्र में पूर्व मंत्री एवं पैंथर्स नेता हर्षदेव सिंह, पंचायत कांफ्रैंस के नेता अनिल शर्मा भी उप-चुनाव में अपना भाग्य आजमा सकते हैं।
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नगरोटा विधानसभा क्षेत्र में बड़ी संख्या में राजपूत एवं ब्राह्मण वोटर हैं। गुज्जर-बकरवाल एवं मुस्लिम समुदाय की भी काफी तादाद है। ऐसे में जातिगत समीकरण चुनाव में अहम भूमिका निभाएंगे लेकिन मौजूदा समय में देवयानी राणा को लोग समर्थन दे सकते हैं क्योंकि उनके पिता स्वर्गीय देवेन्दर राणा ने नगरोटा के लोगों का बहुत साथ दिया है। इससे पहले यहां से सांसद जुगल किशोर शर्मा 3 बार विधायक रहे। उससे पहले नैकां ने यह सीट जीती जबकि निर्दलीय भी यहां से विजयी रह चुके हैं। अब उप-चुनावों की घोषणा के बाद स्थिति साफ होगी कि चुनाव मैदान में कौन-कौन उम्मीदवार उतरता है।
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