राजभवन में हुई Administrative Council की बैठक, 2 वर्टिकल लिफ्टों सहित कई प्रोजैक्टों को मिली मंजूरी

Edited By Sunita sarangal, Updated: 15 Mar, 2024 12:48 PM

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फिल्म नीति का लक्ष्य जम्मू-कश्मीर को सिनेमाई रचनात्मकता और उत्पादकता के केंद्र के रूप में स्थापित करना है।

जम्मू: उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में वीरवार को राजभवन में हुई प्रशासनिक परिषद (ए.सी.) की बैठक में जम्मू-कश्मीर फिल्म नीति-2024, पीरखो से मुबारक मंडी हैरिटेज कॉम्प्लैक्स तक वर्टिकल लिफ्ट एवं मुबारक मंडी हैरिटेज सोसाइटी के प्रशासनिक विभाग को पर्यटन से संस्कृति विभाग में बदलने को मंजूरी प्रदान की है। बैठक में राजीव राय भटनागर, उप-राज्यपाल के सलाहकार, अटल डुल्लू मुख्य सचिव, उप-राज्यपाल के प्रधान सचिव मंदीप कुमार भंडारी शामिल हुए।

फिल्म नीति का लक्ष्य जम्मू-कश्मीर को सिनेमाई रचनात्मकता और उत्पादकता के केंद्र के रूप में स्थापित करना है। अनुमोदित नीति वर्तमान फिल्म नीति यानी जम्मू-कश्मीर फिल्म नीति-2021 का स्थान लेगी। नीति में समयबद्ध प्रशासनिक सहायता, सिंगल विंडो सैल की स्थापना, फिल्मों की शूटिंग के लिए अनुमति देने की सुविधा, वित्तीय सहायता का पैकेज, सिनेमा के प्रचार-प्रसार एवं फिल्म निर्माण से जुड़े सरकारी/गैर-सरकारी संगठनों को बढ़ावा देना और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बुनियादी ढांचा तैयार करने का प्रयास शामिल है। 

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यह नीति फिल्म विकास परिषद, जम्मू-कश्मीर फिल्म डिवीजन, डिवीजनल लोकेशन परमिशन कमेटी, फिल्म डिवैल्पमैंट फंड जैसे निकायों और फिल्म महोत्सवों के माध्यम से गतिविधियों की ब्रांडिंग और प्रचार के लिए तंत्र प्रदान करती है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि यू.टी. सरकार से सबसिडी मांगने वाली फिल्म की शूटिंग का एक हिस्सा न्यूनतम 20 दिनों की शूटिंग का मानदंड प्रदान किया गया है। नीति में फिल्मों/टी.वी. धारावाहिकों/शो/वैब सीरीज आदि के लिए सबसिडी का दावा करने के मानदंड भी अधिसूचित किए गए हैं। जम्मू-कश्मीर की क्षेत्रीय भाषाओं में अधिकतम सबसिडी 1.25 करोड़ रुपए होगी। 

वित्तीय वर्ष 2024-25 से रुपए के आबंटन के साथ एक फिल्म विकास कोष बनाया जाएगा। सबसिडी/प्रोत्साहन के वितरण के लिए कैंपेक्स बजट से 500 करोड़ रुपए (अगले 05 वर्षों में 100 करोड़ रुपए के वार्षिक बजटीय अनुदान के साथ देय) प्राप्त किए जाएंगे। फिल्म के निर्माण की न्यूनतम लागत 10 करोड़ रुपए होगी और इसे देशभर में कम से कम 25 स्क्रीनों पर प्रदर्शित किया जाना चाहिए। जम्मू-कश्मीर के निवासियों के लिए एक फिल्म के निर्माण की न्यूनतम लागत 50 लाख रुपए होगी और इसे कम से कम 3 स्क्रीनों पर प्रदर्शित किया जाना चाहिए। नीति में सबसिडी के लिए अयोग्य श्रेणियों को भी अधिसूचित किया गया है। यह नीति रोजगार सृजन और फिल्म पर्यटन की वृद्धि के मामले में अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव डालेगी। पॉलिसी 5 वर्ष के लिए वैध होगी।

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पीरखो से मुबारक मंडी हेरिटेज कॉम्प्लेक्स तक वर्टिकल लिफ्ट
इस योजना के तहत 25.07 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत पर जम्मू रोपवे परियोजना के पीरखो स्टेशन से मुबारक मंडी हेरिटेज कॉम्प्लैक्स तक वर्टिकल लिफ्ट की स्थापना के लिए प्रशासनिक मंजूरी दी गई है। वर्टिकल लिफ्ट में 2 लिफ्ट शामिल हैं, प्रत्येक में 13 यात्रियों की क्षमता है, जो पीरखो स्टेशन और मुबारक मंडी हैरिटेज कॉम्प्लैक्स के बीच कुशल परिवहन सुनिश्चित करती है। इस परियोजना में यात्रियों के लिए कनैक्टीविटी और सुरक्षा उपायों के लिए फुट ओवर ब्रिज शामिल है।

इस लिफ्ट की स्थापना से मुबारक मंडी परिसर पर कोई प्रतिकूल संरचनात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। इस परियोजना की संकल्पना आई.आई.टी. जम्मू की तकनीकी जांच से की गई है। यह एक पहल है जिसका उद्देश्य प्रमुख पर्यटक आकर्षणों को निर्बाध रूप से एकीकृत करना है। इस प्रकार क्षेत्र के पर्यटन और सांस्कृतिक अन्वेषण को बढ़ावा देना है। यह क्षेत्र प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है और आगामी तवी रिवर फ्रंट परियोजना के कारण इसे दर्शनीय लाभ प्राप्त है।

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मुबारक मंडी हैरिटेज सोसाइटी के प्रशासनिक विभाग को पर्यटन से संस्कृति विभाग बदला
प्रशासनिक परिषद ने मुबारक मंडी हैरिटेज सोसाइटी (एम.एम.जे.एच.एस.), जम्मू के प्रशासनिक विभाग को पर्यटन विभाग से संस्कृति विभाग में बदलने की मंजूरी प्रदान की है। चूंकि मुबारक मंडी हैरिटेज कॉम्प्लैक्स का रखरखाव संस्कृति विभाग की भूमिका और जिम्मेदारी के साथ जुड़ा हुआ है, इसलिए पर्यटन विभाग द्वारा समाज के प्रशासनिक विभाग को पर्यटन से संस्कृति विभाग में बदलने का प्रस्ताव रखा गया था। एम.एम.जे.एच.एस. को संस्कृति विभाग के अधीन रखने से इसकी परियोजनाएं संस्कृति विभाग के नियमित बजट का हिस्सा बन जाएंगी, जिससे विरासत संरक्षण अधिक संगठित और प्रभावी हो जाएगा और धन संबंधी चिंताओं का भी समाधान होगा और परिसर के मामलों के नियंत्रण में दक्षता प्रदान की जाएगी।

22 कनाल 2 मरला भूमि पशुपालन विभाग को हस्तांतरित
प्रशासनिक परिषद इस्टेट देवीपोरा, तहसील तुलमुल्ला, जिला गांदरबल में स्थित 22 कनाल और 2 मरला भूमि को पशुपालन के पक्ष में हस्तांतरित करने को मंजूरी दी गई। इस भूमि पर (ए.एच.डी.) के अंतर्गत डेयरी प्लांट की स्थापना की जानी है। जम्मू और कश्मीर मिल्क प्रोड्यूसर्स कोऑप्रेटिव लिमिटेड (जे.के.एम.पी.सी.एल.) केंद्रीय क्षेत्र योजनाएं राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (एन.पी.डी.डी.) के कार्यान्वयन के लिए कार्यान्वयन एजैंसी होगी जो केंद्रीय क्षेत्र घटक के तहत 90 प्रतिशत फंडिंग का योगदान देगी और शेष 10 प्रतिशत का योगदान देगी। परियोजना के निष्पादन के लिए जे.के.एम.पी.सी.एल. का हिस्सा होगा। इस निर्णय से क्षेत्र के लगभग 1.50 लाख दुग्ध उत्पादक लाभान्वित होंगे तथा लगभग 400 से 500 लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

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