Edited By Neetu Bala, Updated: 15 Nov, 2024 01:29 PM
सत्तापक्ष नैशनल कॉन्फ्रैंस और कांग्रेस के अलावा विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी की नजरें मनोनयन पर टिकी हुई हैं।
जम्मू : केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर में जल्द ही विधायकों की संख्या 88 से बढ़कर 93 हो जाएगी। दरअसल, विधानसभा के 5 सदस्यों का मनोनयन आगामी कुछ दिनों में करने की तैयारी चल रही है। ऐसे में सत्तापक्ष नैशनल कॉन्फ्रैंस और कांग्रेस के अलावा विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी की नजरें मनोनयन पर टिकी हुई हैं।
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम में जुलाई 2023 में हुए संशोधन के तहत उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा 5 विधायकों को मनोनीत कर सकते हैं। इनमें कश्मीरी विस्थापितों के 2 प्रतिनिनिधियों को मनोनीत किया जाएगा। वहीं पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर से संबंधित विस्थापितों में से एक सदस्य को मनोनीत किया जाएगा। महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने के लिए भी उन्हें विधायक मनोनीत किया जाएगा।
पार्टी सूत्रों के अनुसार जम्मू-कश्मीर में नैशनल कॉन्फ्रैंस और कांग्रेस गठबंधन की पूर्ण बहुमत वाली सरकार है। ऐसे में उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा 5 विधायकों के मनोनयन पर विभिन्न वर्गों से सलाह ले रहे हैं। केंद्र सरकार के संपर्क में भी वह बने हुए हैं। वहीं कश्मीरी विस्थापितों की बात करें तो 2 विधायकों के मनोनयन को लेकर बिरादरी काफी उत्साहित है।
भारतीय जनता पार्टी की नजरें भी विधायकों के मनोनयन पर टिकी हुई हैं। उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में निर्वाचित होने वाले सदस्यों की कुल संख्या 90 है। नगरोटा के विधायक देवेंद्र सिंह राणा के निधन से एक सीट रिक्त हो गई। वहीं बड़गाम से मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के सीट रिक्त करने से विधानसभा में वर्तमान में सदस्यों की संख्या 88 रह गई है। उमर अब्दुल्ला ने गांदरबल और बड़गाम 2 विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ा था। ऐसे में उन्होंने बड़गाम सीट को रिक्त कर दिया है।
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