Edited By VANSH Sharma, Updated: 20 May, 2025 07:23 PM

कुछ ही घंटों में दर्जनों भेड़ें मर गईं।
शोपियां (मीर आफताब) : कश्मीर के शोपियां ज़िले के डुबजन इलाके में उस समय मातम फैल गया जब दर्जनों भेड़ों की अचानक मौत हो गई। यह हादसा तब हुआ जब स्थानीय बकरवाल चरवाहा माज़िम दीन खट्टाना ने भेड़ों को दवा दी, जो कथित तौर पर भेड़ पालन विभाग की ओर से दी गई थी।
राजौरी के रहने वाले माज़िम दीन ने बताया कि उनकी भेड़ें स्वस्थ थीं, सिर्फ थकावट के लक्षण थे। उन्होंने रोज़मर्रा की देखभाल के लिए पास के भेड़ पालन विभाग के कैंप से दवा ली। लेकिन जैसे ही दवा दी गई, भेड़ें एक के बाद एक मरने लगीं। कुछ ही घंटों में दर्जनों भेड़ें मर गईं और कुछ अब भी लापता हैं।
"जो दवा उन्होंने दी, उसी ने मेरी सारी भेड़ें मार डालीं। मेरा सब कुछ चला गया," माज़िम ने रोते हुए कहा। उसने भावुक होकर कहा,"मुझे ज़हर दे दो, गोली मार दो, मेरे बच्चों का अब कोई भविष्य नहीं है।"
घटनास्थल पर पहुंचने पर दुख और ग़ुस्से का माहौल दिखा। बकरवाल समुदाय के लोगों ने सरकार से तुरंत कार्रवाई, मुआवज़ा और इस मामले की जांच की मांग की।
भेड़ पालन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि जानवरों की मौत की असली वजह जानने के लिए एक जांच टीम बनाई गई है और मृत भेड़ों का पोस्टमार्टम किया जाएगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि जैसे ही उन्हें सूचना मिली, एक टीम को मौके पर भेजा गया और प्राथमिक इलाज भी दिया गया।
हालांकि, स्थानीय लोगों ने इस दावे को ख़ारिज करते हुए कहा कि विभाग समय पर नहीं पहुंचा और इसी वजह से इतनी बड़ी क्षति हुई।
गौरतलब है कि बकरवाल और गुज्जर समुदाय हर साल जम्मू से कश्मीर घाटी की ओर गर्मियों में पलायन करते हैं। ये घुमंतू समुदाय पूरी तरह से अपने जानवरों पर निर्भर रहते हैं। ऐसे हादसे इनके लिए सिर्फ आर्थिक नहीं बल्कि भावनात्मक रूप से भी बहुत बड़ा नुकसान होते हैं।
यह घटना एक बार फिर दिखाती है कि जम्मू-कश्मीर में पलायन करने वाले पशुपालक समुदाय आज भी सरकारी मदद और ज़रूरी संसाधनों की कमी के कारण कितने असुरक्षित हैं।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here