MP इंजीनियर राशिद ने संसद जाने की शर्तों में राहत मांगी, कोर्ट में दी दलील

Edited By Neetu Bala, Updated: 06 Aug, 2025 07:23 PM

mp engineer rashid sought relief in the conditions of going to parliament

हरिहरन ने तर्क दिया, "यदि शर्त ऐसी है कि वह संसद नहीं जा सकते, तो हम देश में लोकतंत्र की मूल भावना में हस्तक्षेप कर रहे हैं।"

जम्मू :  जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों और आतंकवादी संगठनों को धन मुहैया कराने के आरोपों से जुड़े एक मामले में मुकदमे का सामना कर रहे लोकसभा सदस्य इंजीनियर राशिद ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि संसद सत्र में भाग लेने के लिए दैनिक खर्च जमा करने की शर्त के कारण वह अपने निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने में असमर्थ हैं। राशिद ने न्यायमूर्ति विवेक चौधरी और न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी की पीठ से समन्वय पीठ द्वारा पारित आदेश में संशोधन करने का अनुरोध किया।

आदेश में कहा गया है कि उन्हें (राशिद) संसद सत्र में भाग लेने के लिए यात्रा व्यय के रूप में जेल प्रशासन के पास 4 लाख रुपए जमा करने होंगे। सुनवाई के दौरान, पीठ ने पाया कि हिरासत पैरोल आमतौर पर याचिकाकर्ता के खर्च पर दी जाती है। इस पर, राशिद की ओर से पेश वरिष्ठ वकील एन. हरिहरन ने तर्क दिया कि यह शर्त अव्यावहारिक है, क्योंकि वह (राशिद) एक निर्वाचित प्रतिनिधि हैं और केवल इस शर्त (पैसे जमा करने की) के कारण अपने निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने के योग्य नहीं हैं। हरिहरन ने तर्क दिया, "यदि शर्त ऐसी है कि वह संसद नहीं जा सकते, तो हम देश में लोकतंत्र की मूल भावना में हस्तक्षेप कर रहे हैं।"

"उन्होंने कहा, "ये शर्तें इसलिए लगाई गई हैं ताकि उनके (राशिद के) निर्वाचन क्षेत्र की आवाज किसी भी तरह संसद तक न पहुँचे।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह आदेश की समीक्षा की मांग नहीं कर रहे हैं, बल्कि इसमें लगाई गई शर्तों में संशोधन की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "आदेश में कहा गया है कि उन्हें कुछ शर्तों के साथ हिरासत में रखा जाना चाहिए। मैं कह रहा हूं कि ये शर्तें त्रुटिपूर्ण हैं, जो आदेश को ही अप्रभावी बना रही हैं।"

अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 12 अगस्त तय की है। बारामूला से सांसद राशिद ने 2024 के लोकसभा चुनाव में उमर अब्दुल्ला को हराया था। उन पर जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों और आतंकवादी संगठनों को फंडिंग करने के आरोपों से जुड़े एक मामले में मुकदमा चल रहा है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने उन्हें 2019 में गिरफ्तार किया था और तब से वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। पिछले साल सितंबर में उन्हें जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के प्रचार के लिए एक महीने की अंतरिम जमानत दी गई थी। एनआईए की प्राथमिकी के अनुसार, व्यवसायी और सह-आरोपी जहूर वटाली से पूछताछ के दौरान राशिद का नाम सामने आया था।

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