Edited By VANSH Sharma, Updated: 20 May, 2025 03:56 PM

क्योंकि इन्होंने वर्षों से जान-माल की भारी क्षति झेली है।
श्रीनगर (मीर आफताब) : जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सीमावर्ती इलाकों में गोलाबारी से पीड़ित परिवारों को ₹50 लाख का मुआवजा देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इन लोगों को "युद्ध पीड़ित" का दर्जा मिलना चाहिए, क्योंकि इन्होंने वर्षों से जान-माल की भारी क्षति झेली है।
महबूबा मुफ्ती ने हाल ही में पुंछ, तंगधार और अन्य सीमावर्ती इलाकों का दौरा किया। महबूबा ने कहा कि वहां के लोग बेहद खराब हालात में जी रहे हैं। “आज भी कई लोग खुले आसमान के नीचे रह रहे हैं। ना उनके पास छत है, ना सुरक्षा, और ना ही सरकार की कोई मदद। महबूबा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कई लोगों की जान चली गई, घर तबाह हो गए और रोज़गार खत्म हो गया। लेकिन अब तक सरकार ने एक रुपया भी नहीं दिया।
महबूबा ने प्रशासन पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार की लापरवाही बेहद दुखद है। उन्होंने मांग की कि जिन परिवारों ने अपनों को खोया है, उन्हें सरकारी नौकरी दी जाए और जिन दुकानदारों की दुकानें बिना बीमा के बर्बाद हो गईं हैं, उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए।
महबूबा मुफ्ती ने पुंछ के अस्पतालों की हालत पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि वहां वेंटिलेटर की कमी से इलाज के बजाय मौत हो रही है। सीमावर्ती जिलों में स्वास्थ्य व्यवस्था को तुरंत सुधारने की जरूरत है।
उन्होंने सीमावर्ती इलाकों में अधिक भूमिगत बंकर बनाने की मांग की। महबूबा मुफ्ती ने भावुक होकर कहा कि यह दुखद है कि 21वीं सदी में जब दुनिया तरक्की की बातें कर रही है, हमारे सीमावर्ती लोग अभी भी बंकर और छत की मांग कर रहे हैं, न कि शिक्षा और स्वास्थ्य की।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि युद्ध कोई समाधान नहीं है। अंत में महबूबा मुफ्ती ने सीमावर्ती निवासियों की अनदेखी पर गहरा दुख जताया और सरकार से अपील की कि वह संवेदनशीलता और जवाबदेही के साथ इन लोगों की मदद करे जो हर दिन खतरे के साए में जी रहे हैं।
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