बेलगाम सरकारी स्कूलों की मनमानी पर प्रशासन आंखें मूंद सोया, सफेद हाथी बना जे.के.एफ.एफ.सी. व शिक्षा विभाग

Edited By Neetu Bala, Updated: 15 Apr, 2024 08:14 PM

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प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर शिक्षा विभाग तथा प्रशासन नकेल कसने में असमर्थ रहा है।

कठुआ : प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर शिक्षा विभाग तथा प्रशासन नकेल कसने में असमर्थ रहा है। एक ओर जहां शैक्षणिक सत्र शुरू होते ही प्राइवेट स्कूलों में तरह-तरह के चार्ज लगाकर अभिभावकों से मनमानी फीस वसूली जाती है। वहीं किताबें, वर्दियां एवं अन्य सामान भी स्कूलों से अथवा कुछ दुकानों के साथ मिलीभगत कर वहां से खरीदने को मजबूर किया जाता है, क्यूंकि एक स्कूल ने जो किताबें लगा रखी हैं वह स्कूल से मिलीभुगत वाली दुकान के अलावा कहीं और से नहीं मिल सकती हैं।

उदहारण के तौर पर कठुआ के केंद्रीय विद्यालय की 5वीं कक्षा की चारों विषयों की किताबों का सैट 260 रुपए का है, जबकि जम्मू-कश्मीर बोर्ड से रजिस्टर्ड निजी स्कूलों की प्रथम कक्षा की किताबों का सैट 2500 से 3500 रुपए का है। दुकानदारों द्वारा इनमें एक-एक किताब 750 रुपए की एम.आर.पी. पर बेची जा रही है। स्पष्ट है कि प्राइवेट स्कूलों द्वारा कुछ निजी पब्लिशर के साथ मिलकर अपने स्कूलों के बच्चों को यह महंगी किताबें खरीदने के लिए विवश किया जा रहा है, जिसका एक हिस्सा इन स्कूलों की जेब में भी जाता है। प्रशासन को सब पता होने के बावजूद वह आंखें मूंद कर सोया हुआ है और अपने बच्चों को महंगे प्राइवेट इंग्लिश स्कूल में पढ़ाने की आकांक्षा रखने वाले अभिभावक कभी फीस के नाम पर, वार्षिक शुल्क के नाम पर या फिर महंगी किताबों के नाम पर अपनी जेबें ढीली करने को मजबूर हैं।

जानकारी के अनुसार अभिभावक स्कूलों से जे.के.एफ .एफ .सी. द्वारा निर्धारित फीस की डिटेल मांग सकते हैं, लेकिन अभिभावकों को इस बात का पता ही नहीं है और स्कूल इस बात का फायदा उठाकर उन्हें इस बारे में बताते ही नहीं हैं। इस पूरे मामले में जे.के.एफ .एफ .सी. पूरी तरह से सफेद हाथी ही साबित हुआ है, जोकि केवल कागजी आर्डर निकालकर अपनी खानापूर्ती कर लेता है और अपने तौर पर कभी भी स्कूलों के फाइनांस की जांच नहीं करता है। अगर कोई शिकायत भी मिलती है तो केवल कागजी आर्डर निकालकर पल्ला झाड़ लेता है। चाहिए तो यह कि जे.के.एफ .एफ .सी. इन स्कूलों का फाइनैंशियल ऑडिट करवाए, लेकिन न जाने क्या वजहें हैं कि ऐसा नहीं किया जाता है।

क्या कहना है मुख्य शिक्षा अधिकारी का

कठुआ के मुख्य शिक्षा अधिकारी किशोर ने बताया कि हमारे पास जो आर्डर है उसके अनुसार स्कूल केवल वार्षिक शुल्क, मासिक ट्यूशन फीस, ट्रांसपोर्ट शुल्क व स्वेच्छा से देने वाला शुल्क जोकि कभी-कभार पिकनिक इत्यादि के लिए लिया जा सकता है। उन्होंने बताया कि वार्षिक शुल्क व मासिक ट्यूशन फीस जे.के.एफ .एफ .सी. द्वारा निर्धारित किया जाता है, अभिभावक चाहें तो अपनी जानकारी के लिए भुगतान से पहले स्कूलों से जे.के.एफ .एफ .सी. द्वारा निर्धारित वार्षिक शुल्क व मासिक फीस की कापी मांग सकते हैं। वहीं प्रथम कक्षा के किताबों के सैट में 750-750 रुपए की किताबों की बात पर उन्होंने कहा कि इस बारे में फिलहाल उन्हें जानकारी नहीं है।

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