Edited By Neetu Bala, Updated: 05 Mar, 2025 06:30 PM

संस्थान पिछले दो वर्षों से परीक्षण के आधार पर काम कर रहा है और अब जमीनी सतह पर अमलीजामा पहनाने को तैयार है।
जम्मू/लेह : अब बहुत जल्द लद्दाख के खेतों में भी केसर की खूशबू महेगी। साथ ही हींग की खेती भी करेंगे लद्दाख के किसान करेंगे। सी.एस.आई.आर.-आई.आई.आई.एम. लेह केसर की खेती के अपने चल रहे परीक्षण को करीब करीब पूरा होने की कगार पर है। संस्थान पिछले दो वर्षों से परीक्षण के आधार पर काम कर रहा है और अब जमीनी सतह पर अमलीजामा पहनाने को तैयार है।
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के कृषि विभाग के प्रशासनिक सचिव भूपेश चौधरी ने लद्दाख में केसर और हींग की खेती की समीक्षा के लिए सिविल सचिवालय लेह में एक उच्चस्तरीय बैठक की। सी.एस.आई.आर.-आई.आई.आई.एम. लेह के अधिकारियों ने प्रशासनिक सचिव को केसर की खेती के अपने चल रहे परीक्षणों के बारे में जानकारी दी, जिसमें कहा गया कि संस्थान पिछले दो वर्षों से परीक्षण के आधार पर काम कर रहा है। सचिव ने सी.एस.आई.आर.-आई.आई.आई.एम. लेह के प्रतिनिधियों को लद्दाख में किसानों के बीच केसर की खेती शुरू करने के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और विशेषज्ञता सांझा करने के लिए कृषि विभाग के साथ सहयोग करने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त सचिव ने कृषि विभाग को लेह और कारगिल दोनों जिलों में केसर की खेती के लिए उपयुक्त गांवों और स्थानों की पहचान करने को कहा। गौर रहे कि अब तक सिर्फ कश्मीर में ही केसर उगाया जाता था। मगर लद्दाख में भी केसर की खेती की जाएगी।
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इस वर्ष परीक्षण के तौर पर खेती करेगा विभाग
उन्होंने कहा कि विभाग इस वर्ष परीक्षण के तौर पर केसर की खेती करेगा और सी.एस.आई.आर.-आई.आई.आई.एम. लेह से तकनीकी जानकारी की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने विभाग को सीएसआईआर-आईआईआईएम के सहयोग से केसर की खेती पर एक व्यापक नीति तैयार करने का भी निर्देश दिया जिसमें प्रदर्शन परियोजनाएं और किसानों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शामिल हैं। लद्दाख का ठंडा और शुष्क वातावरण भी हींग की खेती के लिए उपयुक्त है। यहां के किसान भी हींग की खेती की ओर आकर्षित हो रहे हैं। सरकार की तरफ से भी इन्हें सहायता प्रदान की जा रही है। हालांकि जम्मू और कश्मीर के कुछ ऊंचे और ठंडे इलाकों में भी हींग की खेती की जा रही है।
हींग की खेती प्रगति पर
हींग की खेती के संबंध में डी.आई.एच.ए.आर. लेह के एक प्रतिनिधि ने बैठक में लद्दाख में इसकी खेती की प्रगति के बारे में जानकारी दी। सचिव ने संबंधित अधिकारियों को हींग के बीज के प्रावधान के संबंध में राष्ट्रीय पादप आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (एन.बी.पी.जी.आर.) को लिखने के निर्देश दिए। बैठक में कृषि विभाग के अवर सचिव कृषि के संयुक्त निदेशक और रक्षा उच्च ऊंचाई अनुसंधान संस्थान (डी.आई.एच.ए.आर.) और सी.एस.आई.आर. भारतीय एकीकृत चिकित्सा संस्थान (सी.एस.आई.आर.-आई.आई.आई.एम.) लेह के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
उप-राज्यपाल मिश्रा ने केसर पर काम शुरू करने के दिए थे निर्देश
लद्दाख के उपराज्यपाल सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर डा. बी.डी. मिश्रा ने हाल ही में एक बैठक के दौरान केसर की खेती को लेकर बैठक की थी जिसमें उन्होंने कहा था कि लद्दाख में अपार संभावनाएं हैं। इस पर काम होना चाहिए। मार्च 2025 में अधिकारियों के साथ बैठक में उन्होंने जल्द से जल्द केसर की खेती की संभावनाओं को तलाशने की बात कही थी।
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