Edited By Neetu Bala, Updated: 18 Nov, 2024 07:25 PM
मौसम में बदलाव के साथ लोगों को अपने खान-पान और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
हीरानगर (लोकेश): मौसम में हो रहे बदलाव का असर अब स्वास्थ्य पर दिखाई देने लगा है। सुबह और शाम की ठंड ने लोगों को सर्दी व जुकाम जैसी समस्याओं से जूझने पर मजबूर कर दिया है। खासकर बच्चे और बुजुर्ग इस बदलते मौसम के शिकार हो रहे हैं। अस्पतालों में सर्दी, खांसी, जुकाम और बुखार के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
डॉक्टरों का कहना है कि इस मौसम में स्वास्थ्य को लेकर सावधानी न बरतने पर लोगों को गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। शनिवार को क्षेत्र में पूरे दिन बादल छाए रहे, जिसके कारण धूप नहीं निकली। इससे ठंडक का प्रभाव और बढ़ गया। मौसम में यह बदलाव लोगों को गर्म कपड़े पहनने के लिए मजबूर कर रहा है। बदलते मौसम में अस्पतालों की ओ.पी.डी. में मरीजों की भीड़ बढ़ गई है। खांसी, जुकाम और बुखार के मरीजों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। खासतौर पर कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोग जैसे छोटे बच्चे और बुजुर्ग अधिक प्रभावित हो रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि मौसम में बदलाव के साथ लोगों को अपने खान-पान और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
बदलते मौसम में बढ़ता है अस्थमा का खतरा : डॉ. गुरु शर्मा
हीरानगर अस्पताल में तैनात आयुर्वेदिक डॉक्टर गुरु शर्मा ने बताया कि बदलते मौसम का सबसे ज्यादा असर अस्थमा के मरीजों पर पड़ता है। इसके अलावा जुकाम, बुखार, सिरदर्द, बदन दर्द, आंखों में जलन और फ्लू जैसी समस्याएं भी तेजी से फैल रही हैं। डॉक्टर शर्मा ने लोगों से कहा कि सर्दी-जुकाम से बचाव के लिए हाथों को बार-बार धोएं और साफ-सफाई का ध्यान रखें। संक्रमण से बचने के लिए मास्क का इस्तेमाल करें।
डेंगू के मरीज नारियल पानी, गिलोय, पपीते के पत्तों का रस, बकरी के दूध का सेवन करें और डॉक्टर की सलाह से ही दवाएं लें। घर और आसपास पानी जमा न होने दें। मच्छरों से बचाव के लिए कीटनाशक का छिड़काव करें। ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनें और डॉक्टर के बताए सभी निर्देशों का पालन करें। इस दौरान पानी उबालकर पीना चाहिए, ताकि पानी जनित संक्रमणों से बचा जा सके। डॉक्टर शर्मा ने बताया कि इस मौसम में खुद को हाइड्रेटेड रखना बेहद जरूरी है। प्रतिदिन 8-9 गिलास पानी पीने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बनी रहती है। उन्होंने कहा कि सही समय पर सावधानी बरतने से डेंगू और अन्य संक्रमणों से बचाव किया जा सकता है।
बदलते मौसम का असर लोगों के पहनावे में भी नजर आने लगा है। ठंड से बचने के लिए सुबह और शाम गर्म कपड़े पहने जा रहे हैं। शाम ढलने के बाद ठंडक और बढ़ जाती है, जिससे बिना सावधानी बरते बाहर निकलना खतरनाक हो सकता है। डॉक्टर गुरु शर्मा ने अपील की है कि बदलते मौसम में लापरवाही न बरतें। खान-पान में पौष्टिक आहार को शामिल करें और मौसम के अनुरूप कपड़े पहनें। ठंड से बचने और बीमारियों से दूरी बनाए रखने के लिए नियमित व्यायाम करें और पर्याप्त आराम लें।
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