लोकसभा चुनाव 2024 : उधमपुर में त्रिकोणीय मुकाबला

Edited By Neetu Bala, Updated: 03 Apr, 2024 06:49 PM

lok sabha elections 2024 triangular contest in udhampur

चुनावी रण में 12 उम्मीदवार हैं, लेकिन असली लड़ाई भाजपा उम्मीदवार और उनके कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी के बीच है।

उधमपुर : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह उधमपुर सीट से तीसरी बार चुनाव मैदान में हैं, जबकि इस बार कांग्रेस ने चौधरी लाल सिंह को मैदान में उतारा है। जानकारी है कि वे धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच का सामना कर रहे हैं। डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी (डीपीएपी) की ओर से पूर्व मंत्री जीएम सरूरी को मैदान में उतरने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। 

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हालांकि चुनावी रण में 12 उम्मीदवार हैं, लेकिन असली लड़ाई भाजपा उम्मीदवार और उनके कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी के बीच बताई जा रही है। जितेंद्र सिंह ने 2019 के लोकसभा चुनाव में भूतपूर्व जम्मू-कश्मीर रियासत के महाराज हरि सिंह के पोते एवं कांग्रेस उम्मीदवार विक्रमादित्य सिंह को 3,53,272 मतों के अंतर से हराकर उधमपुर लोकसभा सीट पर कब्जा बरकरार रखा था। डोगरा स्वाभिमान संगठन के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले लाल सिंह को सिर्फ 19,049 वोट मिले थे। जितेंद्र सिंह ने 2014 के चुनाव में पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद को 60,976 वोट के अंतर से हराया था। उन्हें केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री बनाया गया था। 

लाल सिंह 20 मार्च को ही कांग्रेस में फिर से शामिल हुए हैं। वह कांग्रेस के टिकट पर 2004 और 2009 में उधमपुर सीट से लोकसभा पहुंच चुके हैं। वह तीन बार विधायक भी रह चुके हैं। लाल सिंह 2014 में कांग्रेस से भाजपा में चले गए और जम्मू-कश्मीर में पिछली पीडीपी-भाजपा सरकार में मंत्री भी थे। यह गठबंधन सरकार जून 2018 में गिर गई थी। जनवरी 2018 में कठुआ में आठ वर्षीय बच्ची की बलात्कार के बाद हत्या करने के आरोपियों के समर्थन में आयोजित एक रैली में लाल सिंह के शामिल होने से हुए विवाद के बाद उन्होंने सरकार गिरने से पहले ही मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। 

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हालांकि, उन्होंने रैली में शामिल होने का बचाव करते हुए कहा था कि वह "स्थिति को शांत करने" के लिए वहां गए थे। पिछले साल सात नवंबर को लाल सिंह को उनकी पत्नी द्वारा संचालित एक शैक्षिक ट्रस्ट के खिलाफ धनशोधन मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था। हालांकि, तीन सप्ताह बाद उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया था। 
गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व वाले डीपीएपी के उपाध्यक्ष सरूरी जम्मू-कश्मीर के पूर्व मंत्री हैं और 2002 से 2014 के बीच किश्तवाड़ में इंदरवाल विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक रहे। वह कांग्रेस में उपाध्यक्ष थे। वह बाद में आजाद की पार्टी में चले गए, आजाद ने कांग्रेस से पांच दशक का नाता तोड़ सितंबर 2022 में अपनी पार्टी बना ली थी। 

अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर की इस सीट पर पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होगा। अधिकारियों ने कहा कि पांच जिलों किश्तवाड़, डोडा, रामबन, उधमपुर और कठुआ में फैली इस सीट पर मतदाताओं के लिए कुल 2,637 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। इस निर्वाचन क्षेत्र के लिए 16,23,195 पंजीकृत मतदाता हैं जिनमें 8,45,283 पुरुष, 7,77,899 महिलाएं और 13 ट्रांसजेंडर हैं। 

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